Shardiya Navratri 2024: महालया आज, कल से 9 दिनों तक देवी दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की आराधना, जानें महत्त्व
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar2455465

Shardiya Navratri 2024: महालया आज, कल से 9 दिनों तक देवी दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की आराधना, जानें महत्त्व

Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के इन नौ रूपों की पूजा और उपवास के साथ भक्तों में श्रद्धा की ज्योति प्रज्ज्वलित रहेगी, जो इस पावन पर्व का मुख्य आकर्षण है.

 

Shardiya Navratri 2024: महालया आज, कल से 9 दिनों तक देवी दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की आराधना, जानें महत्त्व

Shardiya Navratri 2024: आज यानी बुधवार को महालया है, जो पितृ पक्ष का समापन करता है. इस दिन लोग गंगा के तट पर अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने और तर्पण करने के लिए एकत्रित होते हैं. आचार्य मदन मोहन के महालया के दिन सुबह 4 बजे से बंगाली रीति-रिवाज के अनुसार महालया पाठ की शुरुआत होती है. इसी दिन मां दुर्गा की प्रतिमाओं की आंखें बनाई जाती हैं और आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से नवरात्रि का आरंभ हो जाता है.

कल से शुरू होगी शारदीय नवरात्रि
आचार्य मदन मोहन के अनुसार महालया के अगले दिन शारदीय नवरात्रि का आरंभ होता है. इसे सर्वपितृ अमावस्या भी कहा जाता है. इस दिन मां दुर्गा कैलाश पर्वत से धरती पर आती हैं, जिसे महालया के रूप में जाना जाता है. इसके बाद नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा की पूजा की जाती है. बंगाली समाज इस अवसर को विशेष रूप से मनाता है. वे सुबह उठकर 'जागो तुमि जागो' कहते हुए चंडी पाठ करते हैं. चंडी पाठ में मां दुर्गा के महिषासुर पर विजय का वर्णन होता है, जिसके बाद लोग अन्न-जल ग्रहण करते हैं.

नौ दिनों तक जलती रहेगी आस्था की ज्योति भागलपुर में दुर्गा उत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं. महालया के अगले दिन से, गुरुवार को कलश स्थापना की जाएगी. इसके लिए सुबह 5 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक का समय शुभ माना जा रहा है. कलश स्थापना के साथ ही नौ देवियों की पूजा शुरू होगी, जो विजयादशमी यानी 12 अक्टूबर को समाप्त होगी. पूजा सामग्री जैसे कलश, नारियल, चुनरी और अन्य वस्त्रों की मांग बाजारों में तेजी से बढ़ रही है. भक्त अपने घरों और मंदिरों में पूजन सामग्री खरीदने पहुंच रहे हैं.

देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है. इसके बाद क्रमशः ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा होती है. हर देवी के अलग-अलग भोग लगाए जाते हैं, जैसे नारियल, गाय का घी, गुड़, मालपुआ, खीर, हलवा और पूड़ी चने का प्रसाद अर्पित करना शुभ माना जाता है.

नवरात्रि के दौरान उपवास और सेहत का ख्याल नवरात्रि में उपवास का धार्मिक महत्व है, लेकिन उपवास करते समय सेहत का ध्यान रखना भी आवश्यक है. डॉक्टरों की सलाह है कि उपवास के दौरान शरीर की अनदेखी न करें, खासकर यदि आप डायबिटीज या किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें. उपवास के दौरान खानपान और जीवनशैली में बदलाव आ सकता है, जिससे स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है. इसलिए सावधानीपूर्वक निर्णय लें.

महाष्टमी और महानवमी एक ही दिन ज्योतिषियों के अनुसार इस साल शारदीय नवरात्रि में चतुर्थी तिथि दो दिन तक रहेगी. महाष्टमी और महानवमी का व्रत एक ही दिन यानी 11 अक्टूबर को किया जाएगा. इस प्रकार, दुर्गा पूजा पूरे 10 दिन चलेगी.  साथ ही सूर्यग्रहण आज लेकिन भारत में नहीं दिखेगा आज यानी बुधवार को साल का अंतिम सूर्यग्रहण होगा, लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. सूर्यग्रहण कुल 6 घंटे 4 मिनट तक चलेगा, लेकिन यह भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए इसका कोई धार्मिक प्रभाव भी नहीं होगा.

ये भी पढ़िए- सर्वार्थ सिद्धि योग में इन 6 राशियों की चमकेगी किस्मत, जानें अपना राशिफल

Trending news