UP के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर का निधन, सीएम समेत कई नेताओं ने जताया दुख
सुखदेव राजभर लालगंज क्षेत्र से चार बार विधायक रहे. उन्होंने अपना पहला चुनाव साल 1991 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के नरेंद्र सिंह को 24 मतों से पराजित कर जीता था.
लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और दीदारगंज, आजमगढ़ से बहुजन समाज पार्टी के विधायक सुखदेव राजभर का सोमवार को निधन हो गया. वह कई दिनों से बीमार चल रहे थे. लखनऊ स्थित चंदन अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. बीते दिनों उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान किया था. उनके निधन पर मुख्यमंत्री योगी, सपा मुखिया अखिलेश यादव, भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह समेत अनेक नेताओं ने दुख व्यक्त किया है.
सीएम ने जताया शोक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुखदेव राजभर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. शोक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि सुखदेव राजभर एक वरिष्ठ जनप्रतिनिधि थे. संसदीय नियमों और परंपराओं की उन्हें गहरी जानकारी थी. राजभर निर्धन और कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहते थे. मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए सुखदेव राजभर के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने लिखा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव राजभर के स्वर्गवास का समाचार अत्यंत दुखद है. उनका निधन समाज व राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे. परिजनों को यह दुख सहने का संबल प्रदान करे.
अखिलेश यादव ने दी श्रद्धांजलि
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश अखिलेश यादव ने ट्विटर के माध्यम से श्रद्धाजंलि व्यक्त करते हुए लिखा, 'यूपी विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ राजनेता सुखदेव राजभर का निधन अपूरणीय क्षति है. शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना, दिवंगत आत्मा को शांति दे भगवान. सामाजिक न्याय को समर्पित आप का राजनीतिक जीवन सदैव प्रेरणा देता रहेगा. विनम्र श्रद्धांजलि.' उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भी शोक व्यक्त किया है.
चार बार विधायक रहे थे राजभर
सुखदेव लालगंज क्षेत्र से चार बार विधायक रहे. उन्होंने अपना पहला चुनाव साल 1991 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के नरेंद्र सिंह को 24 मतों से पराजित कर जीता और विधायक बने थे. 1993 में सपा-बसपा गठबंधन की सरकार में मंत्री बने. 1996 के चुनाव में भाजपा के नरेंद्र सिंह से पराजित हुए. पराजित होने के बाद विधान परिषद सदस्य चुन लिए गए. 2002 और 2007 के चुनाव में फिर से जीते थे. लालगंज विधानसभा सुरक्षित हो जाने पर 2012 में दीदारगंज विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और सपा के आदिल शेख से चुनाव हार गए. 2017 में फिर दीदारगंज से चुनाव लड़े और जीत गए.
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वकालत से की थी करियर की शुरुआत
सुखदेव राजभर मायावती, कल्याण सिंह और मुलायम सिंह यादव की कैबिनेट में मंत्री भी रहे. प्रदेश की 11वीं, 12वीं, 14वीं, 15वीं और 17वीं विधानसभा में विधायक रहे सुखदेव राजभर का जन्म 5 सितंबर 1951 को आजमगढ़ के बडगहन में हुआ था. बीएससी व एलएलबी की डिग्री प्राप्त सुखदेव राजभर ने अपने सफर की शुरुआत वकालत से की थी.
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