नई दिल्ली: मोदी सरकार 2.0 के एक साल पर क्या है देश का हाल? इसी सवाल का जवाब जानने के लिए ज़ी हिन्दुस्तान ने देश के सबसे बड़े ई-मंच पर केंद्रीय मंत्रियों से बातचीत की. इस सबसे बड़े e-मंच पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने देश के विकास का रोडमैप बताया.


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सवाल- दोबारा मोदी सरकार के सत्ता में आये एक साल पूरा हो गया है. इसे किस तरह आप देखते हैं और इस 1 साल के कार्यकाल में क्या कुछ उपलब्धियां आपकी रही हैं. क्या-क्या योजनाएं आपके मंत्रालय की तरफ से चलाई गई हैं और कहां काम करना आने वाले 4 सालों में बाकी है?


जवाब- गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने ज़ी हिंदुस्तान के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि 2019 में नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार के बाद मुझे गृह राज्यमंत्री के जिम्मेवारी नरेंद्र मोदी जी और अमित शाह ने दी. इसके बाद हम आतंकवादी के विषय पर फिर एक बार ध्यान दिए और जीरो टोलरेंस के साथ टेररिज्म को भारत में रोकना चाहिए हमारी सरकार की यह नीति है . इस दृष्टिकोण में भी हमने काम किया है और जितने भी पैरामिलिट्री कि हमारी फोर्सेस हैं, उनके वेलफेयर पर ध्यान देने के लिए हमारी सरकार ने बहुत बड़ा प्रयास किया है. पूरे लोगों का जितने भी लगभग 11 लाख लोग पैरामिलिट्री फोर्स में है, रिटायरमेंट की उनकी एज लिमिट को 60 साल तक बढ़ाया.


'जम्मू कश्मीर को 370 की बेड़ियों से आजाद करना था हमारी सरकार का लक्ष्य'


जी किशन रेड्डी ने कहा कि सत्ता में दूसरी बार आने के बाद जो हमारा इलेक्शन का वादा था. 70 साल पुराना एक आर्टिकल 370 हटना चाहिए.इसके खिलाफ जो हमारा संघर्ष था. पार्लियामेंट में राज्यसभा में लोकसभा में बिल आया, बिल पास हुआ तो हमने इस दृष्टिकोण से धारा 370 और आर्टिकल 35 A बिल पास कराया. जम्मू कश्मीर के पूरे अलग-अलग क्षेत्रों में विकास के मुद्दे पर भारत सरकार ने कदम उठाए. पहले दो दो स्टेट बनाने के बाद यूटी जम्मू कश्मीर और लद्दाख आर्टिकल 370 के हटाकर, यूटी बनाकर हमने अधिकारियों से कहा कि March to villages-गांव चलो अभियान की शुरुआत की गई जितने भी तहसील लेवल से लेकर जिला कलेक्टर, चीफ सेक्रेटरी , लेफ्टिनेंट गवर्नर सभी अफसरों को जनता से मिलने, उनकी समस्या सुनने के लिए कहा. समस्या दूर करने के लिए उन्होंने हमेशा प्रयास किया है. जम्मू कश्मीर में उसके साथ साथ सेंट्रल गवर्नमेंट के लगभग 40 मिनिस्टर पूरे जम्मू कश्मीर के आउटरीच प्रोग्राम के नाते पूरे जम्मू कश्मीर में हर मंडल तक गए और यह प्रधानमंत्री जी का आदेश था कि सभी 40 मिनिस्टर जम्मू कश्मीर में हर मंडल हेड क्वार्टर में जाने चाहिए, तहसील जाने चाहिए, तहसील में उद्घाटन कार्यक्रमों में उनको भाग लेना चाहिए जो भी डेवलपमेंट एक्टिविटीज हो, उद्घाटन करना हो, कोई सा भी महकमा हो, सरपंच का दफ्तर हो, इरीगेशन हो, स्कूल की बिल्डिंग हो, तहसील की बिल्डिंग हो अलग-अलग कार्यक्रम, इनॉगरेशन का कार्यक्रम करना लोगों से मिलना, डेलिगेशन से मिलना और फिर रात को उसी गांव में लोगों के बीच में रहना. यह सब काम हमारी सरकार ने धारा 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर की जनता का दिल जीतने के लिए किया है.हमारे प्रधानमंत्री जी के आदेश का पालन करते हुए सभी लोगों ने वहां जाकर यह काम किया है जो की बहुत बड़ी उपलब्धि है क्योंकि आजादी के बाद इतनी मिनिस्टर का हर जिले में जाना, हर मंडल में जाना, हर तहसील में जाना, लोगों से मिलना, उद्घाटन कार्यक्रम करना आजादी के बाद यह पहली बार कार्यक्रम की शुरुआत हुई. उसके बाद जब धारा 370 हटाए गए तो जितने भी फंडामेंटल राइट हैं, वो सब जम्मू कश्मीर में भी इंप्लीमेंट करने के लिए हमारी सरकार ने कोशिश की. 


उन्होंने कहा कि ओबीसी रिजर्वेशन हो,एसएससी रिजर्वेशन हो, एसपी रिजर्वेशन हो, वीमेन कमिशन हो, विमेन रिजर्वेशन हो,वो भी लेकर आए. आजादी के बाद पहली बार हमने ब्लैक डेवलपमेंटल काउंसिल का चुनाव करवाया. उसमें 98% लोगों ने भाग लिया, यह हमारी सफलता है. उसके बाद किसानों का सेब सरकार के द्वारा खरीद कर उसकी मार्केटिंग की गयी. तरीके से पैसे किसानों को नहीं मिल पाते थे. हमारी सरकार आने के बाद जम्मू-कश्मीर में यह भी काम हमने किया है. 


UAPA लागू करना सबसे अहम काम


गृह राज्यमंत्री ने कहा कि इसके बाद जो आतंकवाद के खिलाफ अलग-अलग एक्टिविटीज शुरू की गई जो अनलॉफुल प्रीवेंशन एक्ट था, उसे नये एक्ट हमने बदला क्योंकि भारत में जो आतंकवाद की गतिविधियां बढ़ाते हैं, ऐसे लोगों को इंटरनेशनल टेररिस्ट होने की इस वजह से घोषणा की जाती है. भारत में टेरर एक्टिविटी करते हैं दाऊद इब्राहिम जैसे लोग, मगर हमारे संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था कि भारत के अंदर जो आतंकवाद की गतिविधियां बढ़ाने वाले हैं, उसको प्रोत्साहित करने वाले, देश विरोधी कार्यक्रम करने वालों को इसके लिये जरूरी दंड मिलना चाहिए. उससे संबंधित कोई भी प्रावधान भारत में नहीं था. इसके लिए अनलॉफुल प्रीवेन्शन एक्ट में पार्लियामेंट में बदलाव लाकर भारत सरकार ने ऐसे लोगों को इंटरनेशनल टेररिस्ट की घोषणा करने का टेररिस्ट प्रस्ताव पास किया है. दूसरा, विदेशों में हमारे जितने भी देशवासी हैं. विदेशों में लाखों लोग हमारे भारत के वासी हैं. 



NRI होने के नाते बिजनेस करते हैं, जो बाहर पढ़ते हैं, ऐसे समय पर जो भी हमारे भारत की जनता की प्रॉपर्टी हो, सरकार की प्रॉपर्टी हो, जो अधिकारी हो, जनता भी हो, विदेशों में उनके ऊपर कोई भी अगर आतंकवादी अटैक होता है तो हम उस देश के सिक्योरिटी फोर्स को आगाह करते हैं. पहली बार हमारी सरकार ने नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को पूरा अधिकार दिया है कि दुनिया में अगर कहीं भी हमारे भारत की जनता या फिर लोगों पर, अधिकारियों के ऊपर अगर आतंकवादी गतिविधि या फिर हमला होता है तो उस देश में जाकर, वहां की पुलिस और सिक्योरिटी फोर्स से मिलकर इन्वेस्टिगेशन करने का पूरा अधिकार दिया गया है.


सवाल-  कोरोना महामारी जिस तरीके से पूरे विश्व भर में फैली. शुरुआती दौर में जनवरी-फरवरी या फिर मार्च के दौरान की बात करें तो स्थिति सामान्य थी , इतने केस नहीं थे लेकिन धीरे-धीरे केस हिंदुस्तान में बढ़ते चले गए पूरे भारत में कोरोना फैलता चला गया और अब डब्ल्यूएचओ की तरफ से यह कहा गया है कि जो स्थिति है वह और ज्यादा खतरनाक होगी यानी कि जो हालात इस वक्त अमेरिका में है उससे भी ज्यादा खतरनाक तस्वीरें और सिचुएशन यहां पेश आ सकती हैं तो यह बहुत ही चिंताजनक है. कैसे देखते हैं, इससे कैसे निपटा जाएगा?


जवाब- जी किशन रेड्डी ने कहा कि हम पॉपुलेशन के हिसाब से देखें और हेल्थ फैसिलिटी के एंगल से देखें तो हम फिर भी बहुत अच्छे सिचुएशन में हैं. भारत सरकार है, उसके अलग अलग प्रांत हैं, अलग-अलग पार्टिया हैं, अलग-अलग रीजन हैं, अलग-अलग भाषा वाले क्षेत्र हैं, जहां लोगों ने सिर्फ नरेंद्र मोदी जी की अपील पर लॉकडाउन को कामयाब बनाया है. अभी लॉकडाउन के अंदर आर्थिक स्थिति को देखते हुए लोगों को थोड़ी सी रिलैक्सेशन भी दी गई है और कुछ माइग्रेंट लेबर भी अलग-अलग शहरों से गांव की ओर गए, जिसके कारण कोरोना के मामले उधर बढ़े है.जो लोग विदेशों में गए हैं, उन लोगों ने भी सरकार पर बहुत प्रेशर दिया है. माइग्रेंट लेबरों को उनके अपने गांव ट्रेन के द्वारा-बसों के द्वारा भिजवाना पड़ रहा है. इसके साथ थोड़ी समस्या बढ़ गई है,मगर मैं आपको बता सकता हूं आज भी देश की स्थिति डरने वाली नहीं है. 


उन्होंने कहा कि मैं जनता से आपके माध्यम से अपील करना चाहता हूं कि जो लॉक डाउन में कुछ रिलैक्सेशन दी गई, अगर लॉकडाउन स्पिरिट हो. हर परिवार, हर व्यक्ति घर में रहे या फिर घर के बाहर हो, वर्कप्लेस पर हो, रास्ते पर हो, दुकान पर हों, कहीं भी हों,लॉकडाउन स्पिरिट आपको फॉलो करनी चाहिए.भारत में डरने की कोई बात नहीं है. 


कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई मजबूत- गृह राज्यमंत्री


जी किशन रेड्डी ने कहा कि  मैं बता सकता हूं कि कोरोना के संदर्भ में आज हमारे अस्पताल, 964 नए अस्पताल हमने खोले. अभी सभी अस्पताल रेडी है, कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है जो लैब हैं, कोविड टेस्ट लेब हैं, ऐसे 759 लैब भारत सरकार ने खोला है. लगभग 4 लाख 54 हजार 105 बेड अभी रेडी हैं. स्थिति जैसी भी हो, कोई भी सिचुएशन हो. उस सिचुएशन को फेस करने के लिए आज हमने इतने अस्पताल भी तैयार किए हैं, बेड भी तैयार किए हैं. सरकार और देश दोनों मिलकर कोरोना से लड़ रहे हैं ...मैं पूरा विश्वास दिलाना चाहता हूं अगर कुछ जगह केस बढ़ गए, कुछ बात भी हो रही है तो डरने की कोई बात नहीं है.भारत की स्थिति अच्छी है. 


उन्होंने कहा कि कोरोना के जो डेथ केस हैं, उनमें हेल्थ प्रॉब्लम वाले 80पर्सेंट मामले हैं क्योंकि जो हार्ट प्रॉब्लम से जूझ रहा हो , डायलिसिस है, अलग-अलग प्रॉब्लम के लोग जो हैं, वो कोरोना के आसान शिकार बन जाते हैं. इसी कारण से ये सारी डेथ हुई है. मगर भारत में जो मौजूदा स्थिति है, हमको कोरोना को जल्दी फ़ेस करके हम इस स्थिति से बढ़ेंगे. 


सवाल- यदि बात हम सिर्फ देश की करें तो देश भर में जब कोरोना के केस बहुत कम थे, तब लॉक डाउन अनाउंस कर दिया गया, लॉक डाउन लगा दिया गया. चार चरणों तक सख्ती बरती गई लेकिन जिस लॉक डाउन-5 के बारे में आपने भी बताया हैं, इसे अनलॉक वन का भी नाम दिया गया... क्योंकि काफी हद तक इसमें छूट दे दी गई. अगर आज की तस्वीरों की हम बात करें तो पहले जहां एक हजार, दो हजार या ढाई हजार मामले आ रहे थे, अब वो दस हजार को भी क्रॉस कर चुका है. 24 घंटे की भी अगर बात की जाए तो उससे ज्यादा केस सामने आ रहा है तो क्या यहां इस वक्त लॉक डाउन को और सख्ती से पालन करने की जरूरत है या फिर जो स्थिति है, वह बिगड़ेगी तो हम इस पर विचार करेंगे, ताकि दोबारा देशभर में लॉकडाउन लगाया जा सके, जैसे पहले लगाया था, जब केस कम थे हिंदुस्तान में. 


जवाब- जी किशन रेड्डी ने कहा कि भारत सरकार के द्वारा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील कर रहे हैं कि लॉकडाउन में भले कुछ छूट दी गई है, मगर हर व्यक्ति के मन में यही भाव रहना चाहिए कि मैं लॉकडाउन में हूं .लॉकडाउन स्पिरिट को मुझे फॉलो करना है, मास्क पहनना है, सैनिटाइजर साथ रखना है, हाथ धोते रहना है, सोशल डिस्टेंस मेंटेन करके रखना है, जब भी घर से कोई भी पैर बाहर रखता है, तब से लेकर घर वापस आने तक हर व्यक्ति को यही सोचना चाहिए कि हमें इन सब चीजों को फॉलो करना है. इसी तरह ही हम कोरोना के खिलाफ इस संघर्ष में विजय पा सकते हैं इसलिए मैं आपके द्वारा फिर एक बार सारी जनता से अपील करता हूं कि लॉक टाउन भले ही ना रहे, लॉकडाउन में भले ही आपको छूट दी गई.


उन्होंने कहा कि आप सब लोग सरकार की जो गाइडलाइंस है, उनको फॉलो करें. लॉकडाउन की स्पिरिट को फॉलो करें. इसके अलावा कोई और रास्ता नहीं है. अगर आप घर में है या बाहर हैं तो इस विषय का आप पूरा का पूरा ध्यान रखिए. सरकार का साथ आपको देना चाहिए, लोकल एडमिनिस्ट्रिेशन का साथ देना चाहिए. हमने ये लॉकडाउन सरकार के लिए नहीं लगाया, जनता के लिए लगाया, आपके परिवारों के लिए लगाया तो आप लोगों को भी यह स्पिरिट कंप्लीटली फॉलो करनी चाहिए. अपनी और अपने परिवार की जान बचाने के लिए. 


सवाल- अनलॉक- 1 या फिर लॉक डाउन-5 कहें. जिस तरह से रियायत बहुत सारी दे दी गई, लगभग सब कुछ खोल दिया गया .  कांग्रेस की तरफ से कई सारे सवाल खड़े किए गए. तमाम विपक्षी पार्टियां सामने आईं और अपना-अपना उन्होंने विचार सामने रखा तो इस स्थिति में जिस तरीके की स्थिति और हालात पूरे देश में हैं, सरकार का साथ देना चाहिए, सुझाव देना चाहिए. इसके बदले राजनीति हो रही है, ऐसा क्यों.


जवाब- गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि आपकी बात बिल्कुल 100% सही है  जो विश्व युद्ध हुआ था उससे ज्यादा भयानक सिचुएशन आज है. पाकिस्तान के साथ चीन के साथ जब भी युद्ध हुआ, तब सिर्फ सेना लड़ती थी तो बॉर्डर के गांव पर लोग परेशान होते थे मगर आज ऐसा नहीं है. आज 130 करोड़ जनता इस कोरोना के खिलाफ संघर्ष कर रही है. हमें इस वक्त अपनी यूनिटी दिखानी चाहिए, एकजुटता दिखानी चाहिए, मिलकर लड़ना चाहिए मगर एक कंस्ट्रक्टिव अपोजिशन पार्टी की जिम्मेदारी भारत सरकार लेने को तैयार है. 


उन्होंने कहा कि आदरणीय नरेंद्र मोदी 5 बार चीफ मिनिस्टरों से मीटिंग कर चुके हैं .हमारे होम मिनिस्टर लगातार मुख्यमंत्रियों से, राज्य सरकारों से संपर्क करते हैं. हमारी होम मिनिस्ट्री के ऑफिसर्स हर दिन हर जिले के कलेक्टरों से बात करते हैं. हर जिला कलेक्टर और एसपी से हमारे होम मिनिस्टर के अधिकारी बात करते हैं जितने भी मिनिस्टर हैं, हर दिन 20 जिलों के एसपी से कलेक्टरों से हम लोग भी बात करते हैं . उनके ग्राउंड लेवल की सिचुएशन मालूम करते हैं..हम उनके साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी बात करते हैं. 


देश भर में एकजुटता बहुत जरूरी- जी किशन रेड्डी


जी किशन रेड्डी ने ज़ी हिंदुस्तान से कहा कि भारत सरकार मिलजुल कर काम करने के लिये है जो भी पार्टी हो, जिस राज्य की सरकार हो, आज पहले हमारी जो प्राथमिकता है वह है कोरोना के खिलाफ संघर्ष करना. इसी दृष्टिकोण से भारत सरकार काम कर रही है. आप सबको मालूम है जब लॉकडाउन-फोर आया तो ये क्यों लगाया गया  लोग परेशान हैं ऐसा कुछ दिन विपक्षी पार्टियों ने कहा.जब लॉकडाउन से रियायत दी गई तो कह रहे हैं कि लॉकडाउन में आपने छूट क्यों दी, छूट नहीं देनी चाहिए, ऐसा लगातार कह रहे हैं. कांग्रेस पार्टी गैर जिम्मेदारी से स्टेटमेंट दे रही है. इस समय कंस्ट्रक्टिव जिम्मेदारी अपनानी चाहिए. सभी राजनीतिक पार्टियों को एक होना चाहिए. सभी सरकारों को एक होना चाहिए.


सवाल- जिस तरीके से आप ने बताया है कि जो तस्वीरें हमें पहले देखने को मिली थी. जैसी बयानबाजी सामने आई थी कि लॉकडाउन कर दिया गया है, लोगों को परेशानियां हो रही है उसमें भी आपत्ति है. अब अनलॉक वन में भी हम चले गए हैं, कई रियायतें दी गई हैं, उसमें भी आपत्ति हो रही है. बात तो ये थी कि सियासत नहीं होनी चाहिए इस मुद्दे पर लेकिन इस बीच ये सच्चाई है विपक्ष की तरफ हर किसी ने तंज मारा और इसको हम झेल भी रहे हैं, उससे हम जूझ भी रहे है. आर्थिक तंगी से जो विभाग है वह गुजर रहा है, फिर चाहे छोटी कंपनियां, बड़ी कंपनियां और मध्यम वर्ग की जितनी भी कंपनियां हों, वो सब गुजर रहे हैं और कई जगह तो एंप्लाइज की छंटनी शुरू हो गई कई लोगों की सैलरी भी उन्हें वक्त पर नहीं मिली और उसमें भी कटौती की गई है और इस बीच आत्मनिर्भर का नारा दे दिया गया कि लोगों को आत्मनिर्भर बनाना है ,अपने भारत को आत्मनिर्भर बनाना है. अपने लोकल को कैसे वोकल बनाना है, इसके बारे में भी प्रधानमंत्री बात करते नजर आए थे तो क्या कुछ प्लानिंग चल रही है. 


जवाब- जी किशन रेड्डी ने कहा कि भारत सरकार ने दो तरह की एक्टिविटीज को सामने रखा है, एक कोरोना के खिलाफ जनता को सुरक्षित रखना और दूसरी तरफ जो लोगों का रोजगार है, रोजगार देना चाहिए . इसके लिए दो तरह से काम किया गया अर्बन एरिया में अलग और रूरल एरिया में अलग .रूरल एरिया में कोरोना बहुत कम है. अलग अलग लोग आज भी गांव में रहते हैं . 60% जो हमारी जनसंख्या है वह कृषि पर निर्भर है . अभी एग्रीकल्चर की किसी भी प्रकार की एक्टिविटी में रुकावट नहीं है. 


लाखों मजदूरों को शहरों से गांवों को जाना पड़ा


गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि अर्बन एरिया में लाखों लोग माइग्रेंट लेबर गांव को गए हैं, उनके लिए भी मनरेगा के द्वारा रोजगार देने के लिए भारत सरकार ने प्रबंध किया. 61 हजार करोड़ मनरेगा के लिए हम लोगों ने जारी किया था और अभी आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंदर 40 हजार करोड़ रुपए. टोटल एक लाख एक हजार करोड़ रुपए अभी मनरेगा के तहत गांव में रहने वाले जो एग्रीकल्चरल लेबर हैं, OTHER लेबर हैं, उनको रोजगार देने के लिए एक लाख एक हजार करोड़ रुपए आज हर स्टेट को दिया गया है. 


उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ उनके खाने की व्यवस्था भी भारत सरकार ने की है. सभी लोगों को फूड सिक्योरिटी के अंदर तीन रुपए किलो चावल, 2 किलो गेहूं की व्यवस्था की है. आत्मनिर्भर पैकेज के अंदर कृषि को, हॉर्टिकल्चर को, इंडस्ट्रीज को, एंप्लोई को, रिटायर एंप्लाइज को, सभी लोगों को आत्मनिर्भर भारत के अंदर कुछ ना कुछ लाभ तो मिलना चाहिए, क्योंकि आज जो सर्विस सेक्टर में बहुत नुकसान हुआ है. 20 लाख करोड़ का जो पैकेज है उससे पूरे भारत में एंप्लॉयमेंट जेनरेशन का काम होगा, इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट होगा, इंफ्रास्ट्रक्चर की भी एक्टिविटीज बढ़ेगी. 


सवाल- कई कंपनियां हैं वह चीन से अपने प्लांट हटाकर भारत की तरफ वह देख रही हैं. इस अवसर को किस तरीके से उन्हें भारत में आकर्षक ढंग से बुलाने में इस्तेमाल किया जाए और क्या भारत तैयार हैं उनके स्वागत के लिए, इस पर आप क्या कहना चाहेंगे.


जवाब- चीन में आज जितनी भी इंडस्ट्रीज हैं, जो बाहर की हैं, जो इन्वेस्टमेंट है वो लोग अपना इन्वेस्टमेंट वापस लेना चाहते हैं  और यह लोग भारत में आने के लिए देख रहे हैं  क्योंकि एनवायरनमेंटल पॉलिसी पर, भारत सरकार की नीति के एंगल पर , पावर सेक्टर के एंगल पर, लैंड अवेलेबिलिटी एंगल पर, मैनपावर एंगल पर, आज यदि कोई देश है तो चीन के बाद भारत एक अच्छी कंट्री है. सभी लोग भारत आना चाहते हैं. चाइना से इन्वेस्टमेंट हटाना चाहते हैं. इस दृष्टि में चाइना चाहती है कि भारत के अंदर कोई ना आए. कोई इन्वेस्टमेंट चाइना से भारत ना जाए, कोई एक्सपोर्ट ना हो चीन इसी दृष्टि से दुनिया को बताना चाहता है कि भारत में शांति नहीं है. इस पर चाइना पाकिस्तान के साथ होता है. भारत एक सेफ़ देश नहीं है यह सिग्नल चाइना दूसरे देशों को देना चाहता है. 


सवाल- एक तरफ देश की राजधानी दिल्ली में जिस तरीके से शाहीन बाग में प्रोटेस्ट हुआ. ऐसी तस्वीरें सामने आई थी. एक बार फिर से उस मुद्दे को हवा देने के लिए पूरी प्लानिंग की जा रही है. शाहीन बाग में धारा 144 लगा दी गई है. पुलिस बल की तैनाती कर दी है चाहे अंकित शर्मा मर्डर केस की बात करें क्योंकि चार्जशीट भी दिल्ली पुलिस लगातार दाखिल कर रही है. उस पर या फिर ताहिर हुसैन को लेकर , इसके अलावा जिस तरीके से फैजल फारुख हो, तो जिन लोगों को मास्टरमाइंड माना गया है. अंकित शर्मा मर्डर केस को किस तरीके से देखते हैं आप, ताकि स्थिति फिर से ऐसी ना आए. इसके लिए क्या कुछ तैयारियां चल रही हैं और आपको क्या लगता है, क्या सच्चाई है कि दिल्ली पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल और जांच पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं.


जवाब- जी किशन रेड्डी ने कहा कि दिल्ली पुलिस की जो इन्वेस्टिगेशन है वह सही ढंग से ही कर रही है. कोई भी धर्म के नाम पर, जाति के नाम पर पुलिस के सामने, संविधान के सामने बच नहीं सकता है. इसलिए जो भी दोषी होगा जिस भी धर्म का हो, जिस भी जाति का हो, सभी लोगों को कटघरे के सामने, कोर्ट के सामने खड़ा करने के लिए भारत सरकार पूरा-पूरा काम कर रही है इसलिए जो ऐसा प्रचार कर रहे हैं वो बहुत गलत है.दिल्ली पुलिस को ऐसा कोई आदेश नहीं है. 


दिल्ली पुलिस कर रही है शानदार काम


उन्होंने कहा कि दिल्ली दंगों की जांच करने में दिल्ली पुलिस को पूरी आजादी है. जैसा कि आईपीसी और सीआरपीसी उनको अधिकार देती है.जो भी क्राइम करते हैं, उनको कोर्ट के सामने खड़ा करने की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस के सामने हैं. हम वही काम कर रहे हैं . धर्म के नाम पर लोगों को भड़काते हुए काम करने का, जो भी आंदोलन होगा, ऐसे आंदोलन की परमिशन नहीं देंगे. मैं आप सभी लोगों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि जितनी जल्दी हो सकता है, उतनी जल्दी कोर्ट के द्वारा उनको सजा मिले, बिना धर्म जात-पात देखते हुए भारत सरकार ने यही आदेश दिया है.


सवाल- एक आखिरी सवाल सिकंदराबाद से आप सांसद चुन करके आए हैं, लेकिन ये पूरा इलाका बड़ा संवेदनशील रहा है क्योंकि यहां पर ओवैसी जैसे जो नेता हैं, जो मजहबी मुद्दों को हवा देते रहते हैं लेकिन इसके बावजूद भी यहां पर सांप्रदायिकता बनाम राष्ट्रवाद का जो नारा दिया गया, इसको जो मुद्दा बना दिया जाता है, इससे कितनी बड़ी चुनौती मानते हैं और इस पूरे मसले को कैसे देखते हैं आप क्योंकि आप खुद इस इलाके से हैं और लगातार आपको टारगेट भी किया जाता रहा है.


जवाब- जी किशन रेड्डी ने कहा कि हैदराबाद में, पुराने शहर में जिस क्षेत्र से असदुद्दीन ओवैसी चुनकर आते हैं, उस एरिया में रहने वाला मैं भी था. मेरा जन्म भी उसी क्षेत्र में हुआ था. मेरा परिवार भी वही रहता था. हजारों लोग वहां पर धर्म के नाम पर दंगा करते हैं. लोगों को डरा करके बस्तियों को खाली करके यहां की प्रॉपर्टी इन लोगों ने खरीद ली है. एम आई एम पार्टी के लोग जो घटिया काम हैदराबाद शहर में कर रहे हैं इसलिए मैं आपको बताना चाहता हूं कि बहुत खतरनाक पार्टी है . 


राष्ट्र के लिए ओवैसी के बहुत खतरनाक इरादे


जी किशन रेड्डी ने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पार्टी एक विशेष आइडियोलॉजी से काम करने वाली पार्टी है. ये देश के खिलाफ गतिविधियों करने वालों के साथ ही मिलते हैं .जो मरकज के अंदर विदेश से आए हुए लोग थे, उनको यह लोग सपोर्ट करते हैं. हर विषय पर मजहब लाने का प्रयास करते हैं. हर विषय पर धर्म लाने का प्रयास करते हैं.देश को मजहब के नाम पर बांटने की कोशिश करते हैं. इस विषय पर पूरे देश को जागरूक होना चाहिए.मैं मुसलमान भाई बहनों से भी अनुरोध करना चाहता हूं कि ऐसे व्यक्तियों से दूर रहना चाहिए, ऐसी पार्टियों से दूर रहना चाहिए. धर्म के नाम पर लोगों को भड़काना एम आई एम पार्टी का काम रहा है.