नई दिल्लीः कोरोना के खिलाफ भारत की सक्रियता का लोहा पूरी दुनिया मान रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों को वैश्विक तौर पर मान्यता मिल रही है और विश्व के तमाम देश इस आपदा से निपटने के लिए साथ आ रहे हैं. 
दक्षेस (SAARC) की तरह ही G20 ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों को तवज्जो देते हुए उन्हें स्वीकार किया है.


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कोरोना वायरस के खिलाफ साझी रणनीति पर विचार के लिए संगठन में शामिल देशों के प्रतिनिधियों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के आयोजन पर हामी भर दी है. जी20 का मौजूदा अध्यक्ष सऊदी अरब है. यही वजह है कि प्रधानमंत्री ने मंलवार को वहां के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से फोन पर बात की और कोरोना से लड़ने के लिए आपसी साझेदारी पर चर्चा की जरूरत पर जोर दिया.


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G20 ने जारी किया आधिकारिक बयान
क्राउन प्रिंस ने भी प्रधानमंत्री के इस विचार पर आगे बढ़ने का फैसला किया और कहा कि इस संबंध में सऊदी अरब और भारत के अधिकारी करीबी संपर्क में रहेंगे.


 



इस बातचीत के बाद G20 की तरफ से आधिकारिक बयान जारी किया गया जिसमें नेताओं का असाधारण सम्मेलन (एक्स्ट्राऑर्डिनरी लीडर्स समिट) बुलाए जाने का आह्वान किया गया है. 


अगले हफ्ते होगा सम्मेलन
इस आधिकारिक बयान में कहा गया है, 'अध्यक्ष सऊदी अरब G20 देशों से अगले हफ्ते एक्स्ट्राऑर्डिनरी वर्चुअल जी20 समिट बुलाने की सूचना दे रहा है. ताकि कोविड-19 महामारी, इसके मानवीय और आर्थिक प्रभावों को लेकर समन्वित जवाबदेही पर विचार किया जा सके.


अर्जेंटिना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, जर्मनी, फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूके और अमेरिका सहित 19 देशों के अलावा यूरोपियन यूनियन G20 का सदस्य है. 


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सार्क में उठाई थी सतर्कता की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्क देशों के नेताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि 'मैं उन सबका शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जिन नेताओं ने एक शॉर्ट नोट पर हमारे साथ बातचीत करने के लिए हामी भरी. नेपाल के प्रधानमंत्री ओली भी हमसे तत्काल जुड़े, जबकि वे हाल ही में सर्जरी से गुजरे हैं. उन्होंने यह भी बताया था कि हम सबको पता है कि COVID-19 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महामारी बताया है. हमारे क्षेत्र में 150 से भी कम मामले हैं. लेकिन हमें सतर्क रहना होगा.'