Ground Report: पीएम मोदी के गोद लिए हुए आदर्श गांव डोमरी में ज़ी हिन्दुस्तान की मुलाकात एक ऐसे साधु से हुई, जिसने सीधे शब्दों में पीएम मोदी और सीएम योगी को नेता नहीं महापुरुष की उपाधि दे दी.


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साधु के वेश में गौ सेवक
हमारी टीम जब मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के उस गांव पहुंची जिसे खुद पीएम ने गोद लिया है, तो वहां गंगा किनारे हमें एक मंदिर दिखा. मंदिर के पास कई सारे लोग बैठे थे. उनमें एक पंडित जी, दो-तीन गांव के लोग और कुछ अन्य लोग आपसी चर्चा में लगे हुए थे.


डोमरी गांव में विकास की जमीनी हकीकत तलाशते हुए हमने वहां मौजूद सभी लोगों से बात करने की कोशिश की. हालांकि सभी ने एक तरफ से वर्तमान सरकार की तारीफ में कसीदे पढ़ने शुरू कर दिए. वहीं एक साधु का रूप धारण किए हुए बाबा मौजूद थे. लोग उन्हें गुरु कह कर पुकार रहे थे. साधु जी गौ माता का चारा तैयार कर रहे थे.


हम भी साधु जी के पास पहुंचे, प्रणाम और हाल-चाल के साथ बातचीत की शुरुआत हुई. हमने उनसे सवाल पूछा कि वो इस गांव यानी डोमरी में कबसे रह रहे हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि कई सालों से हम यहां रहते हैं. गौ सेवा हो रहा है.


डोमरी गांव का भौकाल बढ़ा है या नहीं?


जब साधु जी से हमने इस सवाल का जवाब पूछा तो उन्होंने कहा कि 'हम तो देख रहे हैं कि कुल लाइट-बत्ती लग रही है रोड बन रहा है. विद्यालय भी बढ़िया से चल रहा है, पानी, नल और नाला की व्यवस्था चल रहा है. जनता को यही न चाहिए... बिजली चाहिए, रोड चाहिए, पानी चाहिए. अपना कर्म करेगा तो अच्छे से भोजन करेगा और गलत काम करेगा तो पीटा जाएगा और पकड़ा जाएगा. जैसा कर्म वैसा फल'


साधु के अनाथ गौशाला का क्या हाल था?


इतने में ही हमने भी पूछ लिया कि ये चारा का आप क्या कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आइए मैं दिखाता हूं आपको कि मैं क्या कर रहा.. हम साधु जी के पीछे-पीछे चलते गए. उन्होंने गौशाला के दरवाजे को खोला और हमें अंदर ले गए और हमें बताया कि यहां अनाथ गौ का सेवा होता है.


साधु ने बताया कि ये वो गौ माता हैं, जो पहले बूचड़खाने में पकड़कर काट दी जाती थी. वैसी ही गौ की सेवा हम यहां करते हैं. जब हमने उनसे पूछा कि क्या आप ही इन सारी गाय का संरक्षण करते हैं, तो उन्होंने झट से बोला कि सब ठाकुर जी के आशीर्वाद और भक्तों के सहयोग से हो रहा है.


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योगी के सपने को कैसे साकार कर रहे हैं छैल बिहारी


साधु से जब हमने उनके नाम के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि 'गुरु ने मेरा नाम शेषनाथ ब्रह्मचारी रखा था, लेकिन छैल बिहारी के नाम से मुझे लोग जानते हैं.'


साधु छैल बिहारी से हमने पूछा कि क्या आप योगी जी के सपने को पूरा कर रहे हैं तो उन्होंने जवाब में कहा कि 'योगी जी तो खुद गौ सेवा अपने हाथ से करते हैं. सभी संतों को, भक्तों को और हिन्दु भाइयों को ऐसा करना चाहिए. हर एक दरवाजे पर गौ माता और तुलसी का वृक्ष होना चाहिए.'


साधु ने पीएम मोदी और सीएम योगी को बताया महापुरुष


छैल बिहारी ने हमसे बात करते हुए कहा कि 'यहां सब लोग खुश हैं, लेकिन कुछ तो राम से नहीं खुश हुए, कृष्ण से नहीं खुश हुए, तो योगी जी मोदी जी से हर कोई कैसे खुश हो सकता है. वो लोग सभी को साथ लेकर चल रहे हैं. ऐसे महापुरुष को नेता नहीं कहना चाहिए वो तो महापुरुष लोग हैं.'


साधु छैल बिहारी ने पीएम मोदी और सीएम योगी को सीधे तौर पर महापुरुष की उपाधि दे दी. डोमरी गांव में हमने कई लोगों से बात की और वहां का हाल जानने की कोशिश की. लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिली.


आपको बता दें, सीएम योगी आदित्यनाथ ने गौरक्षा को लेकर बहुत बड़ा अभियान चला रखा है. इसके लिए कानून भी बनाया गया है और उसके कड़े प्रावधान भी रखे गए हैं. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि पीएम मोदी के गांव में रहने वाले साधु छैल बिहारी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के सपने को साकार कर रहे हैं.


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