तिरुवनंतपुरम. केरल सरकार की लैंगिक समानता नीति की आलोचनाओं की पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बुधवार को कहा कि वामपंथी सरकार यह तय नहीं करेगी कि स्कूल में बच्चे कैसी वर्दी पहनें. राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्र-छात्राओं को कैसी वर्दी पहननी चाहिए यह तय करना शिक्षण संस्थानों का अधिकार है.


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कांग्रेस-मुस्लिम लीग और कट्टरपंथी संगठनों का विरोध
राज्य सरकार की लैंगिक समानता नीति की, खास तौर से ड्रेस के मामले में, कांग्रेस की गठबंधन सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) और मुसलमान समुदाय के अन्य कट्टरपंथी संगठनों द्वारा आलोचना की जा रही है. मुख्यमंत्री एलडीएफ की विधायक के. के. शैलजा के अनुरोध पर जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने सभी को विश्वास में लेकर सरकार द्वारा महिलाओं और थर्ड जेंडर के लिए न्याय और समानता सुनिश्चित करने का अनुरोध किया था.


आपसी चर्चा पर दिया जोर
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्कूल के छात्र-छात्राओं पर एक तरह की वर्दी थोपने की मंशा नहीं रखती है. उन्होंने कहा कि संबंधित शिक्षण संस्थान, उसके शिक्षक और पीटीएम (पैरेंट्स-टीचर-एसोसिएशन) और छात्र प्रतिनिधियों को आपस में चर्चा करके उचित वर्दी तय करनी चाहिए और उसे लागू करना चाहिए.


'वर्दी थोपना इस सरकार की नीति नहीं है'
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘किसी पर कोई वर्दी थोपना इस सरकार की नीति नहीं है.’ उन्होंने कहा कि इस संबंध में कोई खास निर्देश जारी नहीं किया गया है. लोगों को कपड़े पहनने, भोजन करने और अपना पंथ मानने की आजादी है और इस संबंध में कोई कट्टर विचार नहीं हो सकता है.


मुख्यमंत्री विजयन ने कहा- सरकार का मानना है कि समाज के सभी तबकों को आजादी मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी के लिए अच्छा वातावरण तैयार करने की जरूरत है.


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