Ghaziabad Mandir: तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डुओं के प्रसाद पर उठे विवाद के बाद कई जगहों के मंदिरों ने अपने हिसाब से सख्ताई बरती है. इस बीच यूपी के गाजियाबाद में भी सिद्ध मंदिरों ने नए दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं. अब सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में सोमवार से भगवान को मिठाई का भोग नहीं लग सकेगा. यह श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा.


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इसके अलावा मंगलवार से प्राचीन हनुमान मंदिर में भी मिठाई का भोग नहीं लगाया जा सकेगा. महंत नारायण गिरि का कहना है कि तिरुपति बालाजी के मंदिर में लडडू के प्रसाद में चर्बी मिलाए जाने का मामला सामने आने पर मिठाई का भोग ना लगाए जाने का निर्णय लिया गया है.


उन्होंने बताया कि मंदिरों में केवल फल व श्रीफल यानि नारियल का प्रसाद ही चढ़ाया जा सकेगा. बता दें कि ये नए नियम श्री दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर में सोमवार व प्राचीन हनुमान मंदिर चौपला बाजार में मंगलवार से लागू हो जाएगा.


क्यों लिया गया ये निर्णय?
श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध तिरूपति बालाजी के मंदिर में चर्बी युक्त लडडू का भोग भगवान को लगाए जाने व आए दिन मिठाई आदि में मिलावट के वीडियो सामने आने के बाद यह निर्णय लिया गया है कि अब श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में बाजार में बनी किसी भी प्रकार की मिठाई का भोग भगवान को नहीं लगाया जाएगा.


उन्होंने बताया कि मंदिर में गौशाला है और गौशाला की देसी गायों के दूध से बने शुद्ध पदार्थो का भोग प्रातः, दोपहर, सांय व रात्रि में लगाया जाता है. इसके अलावा अब से किसी भी दुकान की मिठाई का भोग नहीं लगाया जा सकेगा.



शुद्ध देसी घी से बना भोग लगेगा
महंत ने कहा कि यदि कोई भक्त घर से शुद्ध देसी घी में लडडू बनाकर लाता है तो उसका भोग लगाया जा सकेगा. नहीं तो सोमवार से फल व नारियल का भोग ही भक्त लगा सकेंगे. उन्होंने बताया कि मंदिर में पूजन के लिए आने वाले भक्त भी प्रसाद के लिए धागे वाली मिश्री, साबुत धनिया व गुड लेकर ही आएं.


हनुमान मंदिर में नहीं चढ़ेगी बूंदी
नारायण गिरि महाराज ने बताया कि मंगलवार से प्राचीन हनुमान मंदिर चौपला में भी बाजार का लडडू, बूंदी या किसी अन्य मिठाई का भोग नहीं लगेगा. गुड-चना, धागे वाली मिश्री या फल का प्रसाद ही हनुमान जी को लगाया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि मिलावटी भोग भगवान को लगाना हिंदू सनातन धर्म, शास्त्रों के विरुद्ध है और मंदिर की पवित्रता को भंग करने जैसा है. इसी के चलते मंदिरों की पवित्रता व मान्यता को बरकरार रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है.


तिरुपति बालाजी लड्डू विवाद
तिरुपति के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी के उपयोग को लेकर विवाद खड़ा हुआ है. मंदिर तब विवाद का केंद्र बन गया जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया कि वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान लड्डू बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घी में जानवरों की चर्बी मिलाई गई थी. जवाब में, आंध्र प्रदेश सरकार ने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है. YSRCP प्रमुख ने सत्तारूढ़ टीडीपी पर 'धार्मिक मुद्दों का राजनीतिकरण' करने का आरोप लगाया है.


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