गाजियाबाद. उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद अगला जिला हो सकता है जिसका नाम बदल दिया जाए. दरअसल मंगलवार को गाजियाबाद नगर निगम (GMC) ने शहर का नाम बदलने का एक प्रस्ताव पारित किया. नाम बदलने के प्रस्ताव के बाद नगर निगम में जमकर तालियां बजीं. अंतिम निर्णय के लिए अब इसे राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास भेज दिया गया है.


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क्या बोलीं शहर की महापौर
गाजियाबाद की महापौर सुनीता दयाल ने कहा- शहर का नाम बदलने का प्रस्ताव पार्षदों द्वारा पूर्ण बहुमत से पारित किया गया. नया नाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्णय के अनुसार रखा जाएगा. जनता और हिंदू संगठनों की मांग को ध्यान में रखते हुए तीन नाम हरनंदी नगर, गजप्रस्थ और दूधेश्वरनाथ नगर सुझाए गए हैं.


क्यों सुझाए गए तीन नाम?
इस बीच शहर के प्राचीन मंदिर दूधेश्वर नाथ के प्रधान पुजारी महंत नारायण गिरि ने कहा कि पिछले साल उन्होंने मुख्यमंत्री से बात की थी और गाजियाबाद के लिए तीन नाम गजप्रस्थ, दूधेश्वरनाथ नगर या हरनंदीनगर सुझाए थे. ये नाम महाभारत के इतिहास से संबंधित हैं क्योंकि यह क्षेत्र हस्तिनापुर का हिस्सा था. यह एक घना जंगल था जहां हाथी रहा करते थे और हाथी को हिंदी में 'गज' कहा जाता है इसलिए गाजियाबाद को पहले गजप्रस्थ के नाम से जाना जाता था. मुगल बादशाह अकबर के करीबी सहयोगी गाजीउद्दीन ने इस नगर का नाम बदलकर गाजियाबाद कर दिया था


हिंदू पवित्र ग्रंथों के अनुसार गाजियाबाद को हरनंदी के नाम से जाना जाता था जो भगवान ब्रह्मा की बेटी और गंगाजी की छोटी बहन थीं. वहीं साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक सुनील शर्मा ने कहा कि पिछले साल उन्होंने राज्य विधानसभा में इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया था. इस प्रस्ताव में शहर का नाम बदलकर गजप्रस्थ करने का सुझाव दिया गया था.


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