आर्थिक सुस्ती ने घटाई सोने की मांग, सितंबर तिमाही में आई 35 फीसदी की कमी
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने मंगलवार को बताया कि गहनों की कारोबारी पहले से आयात किए स्टॉक और रीसाइक्लिंग से मांग पूरी कर रहे हैं. इस वजह से सोने के आयात में गिरावट आई है.अभी फिलहाल यह 38,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर चल रही है
नई दिल्लीः वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने अपनी एक रिपोर्ट में सोनी की मांग में कमी बताई है. रिपोर्ट के अनुसार साल की तीसरी तिमाही के दौरान भारत में सोने की मांग सालाना 32 प्रतिशत से घटकर 123.9 टन रह गई. 2019 के पहले 9 महीने में भी सोने की कुल मांग गिरकर 496.11 टन रही. इन आंकड़ों के पीछे की वजह आर्थिक सुस्ती के बीच स्थानीय बाजार में कीमतें ज्यादा रहना सोने की मांग घटने की वजह बताई गई है. 2019 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के दौरान भारत में सोने का आयात भी 66 प्रतिशत घटकर 80.5 टन रह गया. यह स्थिति तब है, जब चीन के बाद भारत सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है. काउंसिल ने मंगलवार को बताया कि गहनों की कारोबारी पहले से आयात किए स्टॉक और रीसाइक्लिंग से मांग पूरी कर रहे हैं. इस वजह से सोने के आयात में गिरावट आई है.
कम हुआ है सोने का आयात
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के प्रबंध निदेशक (भारत) सोमसुंदरम पीआर ने कहा कि 2019 की तीसरी तिमाही में भारत में गहनों के लिए सोने की कुल मांग 101.6 टन और सिक्का एवं बिस्कुट के रूप में सोने की मांग 22.3 टन रही. उन्होंने बताया कि ऊंची कीमतों और ग्रामीण मांग कमजोर रहने की वजह से सोने का आयात कम हुआ. जब मांग कम है तो लोग सोने की रीसाइक्लिंग कर रहे हैं. घरेलू बाजार में सितंबर में सोने की कीमतें 39,011 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गई थी। अभी फिलहाल यह 38,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर चल रही है.
सोमसुंदरम ने कहा कि सोने के आयात में भी कमी आई क्योंकि कीमतें अधिक थीं और ग्रामीण मांग घट गई थी. उन्होंने कहा कि जब मांग कम होती है तो लोग सोने की रिसाइक्लिंग को तरजीह देते हैं. इस साल के शुरुआती नौ महीने के दौरान भारत में रिसाइकल्ड गोल्ड बढ़कर 90.5 रहा जो 2018 में पूरे साल के दौरान 87 टन था. 2018 के शुरुआती नौ महीने के दौरान सोने का आयात घटकर 502.9 टन रहा जो एक साल पहले की समान अवधि में 587.3 टन था. साल 2018 के दौरान सोने का कुल आयात 755.7 टन रहा था.
जानिए क्यों वर्दी वालों को काले कोट से डर लग रहा है, खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें