नई दिल्ली: अपने साथी पुलिसकर्मियों की पिटाई से नाराज दिल्ली पुलिस के सैकड़ों जवान पुलिस मुख्यालय के बाहर जमा हुए. पुलिसकर्मियों ने अपने हाथ में बैनर थाम रखे थे. पुलिसकर्मियों के साथ उनके परिजन भी मौजूद थे. पुलिसकर्मियों का आरोप है कि उनके साथ मारपीट की जा रही है. और उन्हीं के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हो रहा है. पुलिस वालों का कहना है कि दिल्ली में उन्हें वर्दी पहनने में डर लग रहा है. उनकी कोई सुनने वाला नहीं है.
पुलिसवालों के प्रदर्शन की वजह
प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों का कहना है कि उनके साथ ज्यादती हो रही है, जो बिल्कुल गलत है. जवानों ने कहा कि पुलिसवालों के साथ भी सही तरह से व्यवहार होना चाहिए और कानून के मुताबिक समान रूप से सजा मिलनी चाहिए. पुलिसकर्मियों का आरोप है कि पिछले तीन दिनों से वकील लगातार पुलिस और आम लोगों के खिलाफ गलत बर्ताव कर रहे हैं और सीनियर कुछ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.
नाराज पुलिसकर्मियों को शांत कराने के लिए कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उनके बीच आए. लेकिन पुलिसकर्मी मानने को तैयार नहीं थे. पुलिसकर्मियों की नाराजगी को देखते हुए खुद पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को आगे आना पड़ा. पुलिस कमिश्नर ने पुलिसवालों से काम पर लौटने को कहा है. लेकिन पुलिस कमिश्नर की अपील के बाद भी पुलिसकर्मियों का प्रदर्शन जारी रखा.
Delhi Commissioner of Police, Amulya Patnaik: FIR has been registered in the incidents in which police personnel were assaulted. We are addressing the anger (of police personnel) caused by these incidents. Discussions are underway,senior officials are addressing all the concerns. pic.twitter.com/Aatf4CR5Gy
— ANI (@ANI) November 5, 2019
हाथों में किरण बेदी का पोस्टर
पुलिसकर्मी सस्पेंड पुलिसकर्मियों की बहाली और दोषी वकीलों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. नाराज पुलिसकर्मियों के हाथ में एक बैनर भी दिखा. जिसमें किरण बेदी की फोटो थी. और उसपर लिखा था, we want strong family boss
Delhi Police personnel hold placard with a picture of former Delhi Special CP, Kiran Bedi that reads "We need you", outside the Police Head Quarters (PHQ) in ITO. They are protesting against the clash that broke out between police & lawyers at Tis Hazari Court on 2nd November. https://t.co/503H4UeQCF pic.twitter.com/EpNKvvrXsM
— ANI (@ANI) November 5, 2019
गृह मंत्रालय को सौंपी गई रिपोर्ट
इस बीच तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हुई हिंसक झड़प के मामले में दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंप दी है. रिपोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हुई झड़प के बारे में जानकारी दी गई है. पुलिसवालों के खिलाफ लिए गए एक्शन को भी रिपोर्ट में शामिल किया गया है. बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने पुलिसकर्मियों के प्रदर्शन को नाटक करार दिया.
इस बीच तीस हजारी कोर्ट में वकीलों ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ एक विवादास्पद पोस्टर भी चिपका दिया. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट की घटना के बाद वकीलों का हंगामा सोमवार को भी जारी रहा. साकेत कोर्ट के पास वकीलों ने बाइक से पेट्रोलिंग कर रहे एक पुलिसवाले की पिटाई कर दी.
While I stand in solidarity with those lawyers who were shot at & beaten up by police in Tis Hazari court and seek exemplary action against erring officials, I STRONGLY condemn such behaviour by these lawyers outside Saket Court.
It's absolutely shameful. pic.twitter.com/nwQ0fSKpiB— Amit Chaturvedi (@Amit_knc) November 4, 2019
उस घटना से आक्रोशित वकीलों ने राह चलते लोगों को भी नहीं बख्शा. कड़कड़डूमा कोर्ट के पास एक बाइक सवार वकीलों के प्रदर्शन में फंस गया. जिसके बाद वकीलों ने युवक की डंडे से पिटाई कर दी. युवक को अपनी बाइक छोड़कर वहां से भागना पड़ा.
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क्या है पूरा घटनाक्रम?
दरअसल शनिवार को तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी. कोर्ट में एक वकील Lock Up के सामने अपनी गाड़ी Park कर रहा था. Lock Up के सामने कैदियों को लाने, ले जानी वाली बसें खड़ी होती है. जैसे ही वकील गाड़ी खड़ी करने के बाद उतरा. वहां खड़े पुलिसकर्मियों ने उन्हें गाड़ी हटाने को कहा, लेकिन वकील साहब गाड़ी हटाने को तैयार नहीं हुए. धीरे-धीरे वहां भीड़ जुटने लगी. पुलिसकर्मियों और वकील के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि मामला हाथापाई तक पहुंच गई. जिसके बाद पुलिस वाले वकील को पकड़ कर Lock Up में ले जाने लगे. घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में वकील जमा हो गए. इस बीच कोर्ट परिसर में दो वकील को गोली लगने की खबरें आग की तरह फैल गई. जिसके बाद वकील बेकाबू हो गये, हालात को काबू में करने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग की. जिससे बाद वकीलों ने कैदियों को ले जाने वाली 8 बसों में तोड़फोड़ की. पुलिस की एक Gypsy और 12 मोटरसाइकिलों में भी आग लगा दी. मामला इतना बढ़ गया कि रविवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने खुद से संज्ञान लेते हुए इस मामले की सुनवाई की और न्यायिक जांच के आदेश दिये. दो ASI को सस्पेंड करने का आदेश दिया गया और जांच पूरी होने तक दो पुलिस अफसरों के ट्रांसफर के भी आदेश दिये. लेकिन वकीलों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा, इधर पुलिसवालों ने भी सोमवार की घटना से नाराज हैं. क़ानून के जानकार और 'क़ानून के रक्षक आमने - सामने हो गये हैं.
इस बीच बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने वकीलों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कोई भी वकील हिंसक घटनाओं में शामिल पाया गया. तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. काउंसिल ने हिंसा में शामिल वकीलों के नाम मंगाए हैं. काउंसिल ने कहा है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो वह मामले से खुद को पूरी तरह अलग कर लेगी. तीस हजारी कोर्ट की घटना के बाद पुलिसकर्मियों को वकील निशाना बना रहे हैं. जिसके खिलाफ पुलिसवालों ने भी मोर्चा खोल दिया है.