देश का मेहमान ट्रंप कांग्रेस के लिये `मोगैंबो`? `गंदी` सियासत पर 6 तीखे सवाल
कांग्रेस पार्टी अपनी डूबी हुई सियासत को चमकाने के लिए किसी भी हद से गुजर जाने को तैयार है. तभी तो, जहां एक तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति के भारत दौरे को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं वहीं दूसरी कांग्रेस पार्टी उन्हें मोगैंबो बताकर एक बार फिर गंदी पॉलिटिक्स करने लगी है.
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आगमन को लेकर जहां, हिन्दुस्तान में तैयारियों का दौर तेज है तो वहीं कांग्रेस पार्टी की आंखों में कांटे चुभने का सिलसिला भी तेज हो गया है. कांग्रेस पार्टी को ट्रंप का भारत आना मुनासिब नहीं हो रहा है. उनकी राजनीति का स्तर इतना गिर गया है कि उनके नेता राष्ट्रपति ट्रंप को मोगैंबो बता रहे हैं.
"गंदी" सियासत पर 6 तीखे सवाल
सवाल नंबर 1: देश का मेहमान कांग्रेस के लिये 'मोगैंबो'?
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भाजपा और मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए देश के मेहमान को कोसना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा है कि "मोदी जी गुजरात बनाए थे गुजरात को एक मॉडल के रूप में पेश करते हैं लेकिन जो राज्य है वो राज्य में गरीबों के ऊपर किस तरीके के अत्याचार होते हैं आप खुद देख रहे हैं. लगता है ऐसा मोगैम्बो को खुश करने के लिए हम सब कुछ कर सकते हैं ऐसा नहीं चलेगा, हम इसका विरोध करेंगे." क्या देश के मेहमान कांग्रेस के लिए 'मोगैंबो' हैं?
सवाल नंबर 2: मोदी विरोध में मेहमान के अपमान वाली सियासत?
कांग्रेस की ऐसी राजनीति पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए जमकर खरी-खोटी सुनाई है. भाजपा के राज्यसभा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा है कि "राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा, अधीर रंजन चौधरी, वो अपनी भूमिका को भूलकर, अपने पार्टी के स्तर को भूलकर सोशल मीडिया ट्रोल्स की तरह कमेंट कर रहे हैं तो मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं इनको थोड़ा सद्बबुद्धि दें."
सवाल नंबर 3: देशहित वाली 'दोस्ती' पर दलहित वाला 'प्रहार' क्यों?
वहीं कांग्रेस के महासचिव हरीश रावत ने इस मसले पर कहा है कि "आप नमस्ते ट्रम्प करिए, नमस्कार ट्रंप करिए, केमछो ट्रम्प करिए कुछ भी करिए वो अच्छी बात है करिए, हम उसके विरोध में नहीं हैं मगर भारत को उसका फायदा मिलना चाहिए और यदि नहीं हो रहा है तो इसका मतलब संदेह होता है कि राजनीति हो रही है."
सवाल नंबर 4: दुनिया को 'महामिलन' का इंतज़ार, 'घर' में तकरार?
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी इस जंग को लेकर कांग्रेस पार्टी पर हमला किया है. उन्होंने कहा है कि "मुझे लगता है कांग्रेस पार्टी को चिंता नहीं करनी चाहिए क्योंकि ट्रंप साहब ने खुद कहा है और कई बार कहा है कि भारत वर्ष एक हार्ड बार्गेनर है, बहुत बार्गेन करता है अपने इंटरेस्ट के लिए और मोदी एक हार्ड बार्गेनर हैं तो ये खुशख़बरी है इसमें दुखी होने की आवश्यकता कांग्रेस पार्टी को नहीं होनी चाहिए."
सवाल नंबर 5: मोदी-ट्रंप की दोस्ती से कांग्रेस को डर क्यों?
कांग्रेस पार्टी हर उस मसले को भुनाने की कोशिश में जुट जाती है जो उसके वोटरों को लुभाने में मददगार साबित हो. शायद यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी को मोदी-ट्रंप की दोस्ती से डर लगने लगा और कांग्रेस के दिग्गज नेता राशिद अल्वी ने ये कह दिया कि "हमारा सवाल ये है इस आर्थिक मंदी के अंदर जब लोगों को खाना मुश्किल हो रहा है आप 100 करोड़ रुपए से ज्यादा क्यों खर्च कर रहे हैं? क्या कारण है?
यहां आपका ये जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि ये वही कांग्रेस है जो एक तरफ देश बंद कराकर सरकारी खजाने को लाखों-करोड़ों का नुकसान पहुंचाती है. दूसरी तरफ आर्थिक मंदी की दुहाई देती है. वो भी तब जब भारत की अर्थव्यवस्था 5वें स्थान पर पहुंच गई हो.
इसे भी पढ़ें: Social Media पर वायरल हुआ ट्रंप का 'बाहुबली अवतार', जनिए फिर क्या हुआ?
सवाल नंबर 6: मोदी-ट्रंप की दोस्ती की 'नई डील' से 'विश्व विजय'?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत आ रहे हैं, ऐसे में पूरी दुनिया की नजर हमारे देश पर टिकी हुई है. मोदी-ट्रंप की दोस्ती किसी से छिपी नहीं है. ऐसे में भारत के 'विश्व गुरू' बनने के लक्ष्य को पूरा करने से पहले ही हर मसले पर राजनीति शुरू हो जाती है. इस बीत राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि "ट्रंप के दौरे से कांग्रेस नेताओं को ईर्ष्या है. उनको बाहर रखा गया है ट्रंप उनसे मिलना ही नहीं चाहते हैं."
इसे भी पढ़ें: ट्रंप को मिलेगा चालीस लाख भारतीयों का समर्थन