ज्ञानवापी मामला: एएसआई के सर्वे को कोर्ट ने दी मंजूरी, पर इस जगह को छोड़कर
यूपी के काशी में ज्ञानवापी परिसर के सर्वे वाली याचिका पर आदेश आ गया है. जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट ने बैरिकेडिंग वाले क्षेत्र का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराने के आवेदन को मंजूर कर लिया है. पर मां श्रृंगार गौरी मूल वाद में ज्ञानवापी के सील वजूखाने को छोड़कर यह सर्वे होगा. वहीं यह सर्वे रडार तकनीक से होगा.
वाराणसी. यूपी के काशी में ज्ञानवापी परिसर के सर्वे वाली याचिका पर आदेश आ गया है. जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट ने बैरिकेडिंग वाले क्षेत्र का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराने के आवेदन को मंजूर कर लिया है. पर मां श्रृंगार गौरी मूल वाद में ज्ञानवापी के सील वजूखाने को छोड़कर यह सर्वे होगा. वहीं यह सर्वे रडार तकनीक से होगा.
मुस्लिम पक्ष ने सर्वे का विरोध किया था. लेकिन, कोर्ट ने सभी दलीलों को सुनकर सर्वे की अनुमति दे दी है. एएसआई सर्वे की रिपोर्ट जिला जज को 4 अगस्त को देगा.
मुस्लिम पक्ष का याचिका खारिज
यह फैसला सुनाते हुए वाराणसी कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया. मुस्लिम पक्ष ने इस सर्वे पर रोक लगाने की याचिका दाखिल की थी.
डेढ़ घंटे हुई थी बहस
14 जुलाई को करीब डेढ़ घंटे तक हुई बहस के बाद जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
विष्णु शंकर जैन
हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि न्यायालय ने एएसआई सर्वे का आदेश दे दिया है. विष्णु जैन ने कहा कि अदालत ने वजू टैंक को छोड़कर, जिसे सील कर दिया गया है, ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है.
क्या है पूरा मामला
14 जुलाई को वाराणसी के चर्चित श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले में मस्जिद का सर्वे कराने की याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई थी. तब, जज ने ऑर्डर रिजर्व कर लिया था. 16 मई को चारों वादी महिलाओं की तरफ से हिंदू पक्ष ने एक प्रार्थनापत्र दिया था. इसमें मांग की गई थी कि ज्ञानवापी मस्जिद के विवादित हिस्से को छोड़कर पूरे परिसर की एएसआई से जांच कराई जाए.
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