Gyanvapi Masjid: SC ने जिस जज को सुनवाई से हटाने का दिया सुझाव, जानिए उनके बारे में
Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने कहा, हमारा सुझाव है कि जिला जज मामले की सुनवाई कर सकते हैं. वे जिला न्यायपालिका में सीनियर जज हैं. वे जानते हैं कि आयोग की रिपोर्ट जैसे मुद्दों को कैसे संभालना है. हम यह निर्देश नहीं देना चाहते कि उन्हें क्या करना चाहिए.
नई दिल्लीः Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने कहा, हमारा सुझाव है कि जिला जज मामले की सुनवाई कर सकते हैं. वे जिला न्यायपालिका में सीनियर जज हैं. वे जानते हैं कि आयोग की रिपोर्ट जैसे मुद्दों को कैसे संभालना है. हम यह निर्देश नहीं देना चाहते कि उन्हें क्या करना चाहिए.
'ट्रायल कोर्ट के फैसले पर कोई संदेह नहीं'
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले मामले को जिला जज सुने तो बेहतर है. जिला जज कैसे काम करें ये आदेश नहीं देंगे. कोर्ट ने साथ ही कहा कि वे ट्रायल कोर्ट के फैसले पर कोई संदेह नहीं कर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने दिए तीन सुझाव
सुप्रीम कोर्ट ने तीन सुझाव दिए हैं. पहला, आवेदन पर ट्रायल कोर्ट के फैसले तक हमारा अंतरिम आदेश प्रभावी रहेगा. दूसरा, कोर्ट ने वकीलों से पूछा कि कौन-कौन किस पक्ष की ओर से पेश हो रहे हैं. तीसरा, मामले की जटिलता को देखते हुए डिस्ट्रिक्ट जज केस की सुनवाई करें.
ट्रायल कोर्ट में सिविल जज रवि कुमार ने की सुनवाई
बता दें कि इस मामले की ट्रायल कोर्ट में सुनवाई सिविल जज रवि कुमार दिवाकर ने की. उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था. वह उत्तर प्रदेश जूडिशियल सर्विसेज के सिविल जज हैं.
जानिए सिविल जज रवि कुमार के बारे में
रवि दिवाकर ने साल 2009 में यूपी जूडिशियल सर्विस में सिविल जज जूनियर डिविजन के तौर पर नौकरी ज्वॉइन की थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रवि कुमार दिवाकर मूल रूप से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहने वाले हैं. उनकी पढ़ाई भी लखनऊ से हुई है. उनकी पहली पोस्टिंग आजमगढ़, फिर सुल्तानपुर और उसके बाद बदायूं में हुई थी. बदायूं में रवि दिवाकर प्रमोट होकर सिविल जज सीनियर डिवीजन बने.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रवि कुमार साल 2019 में एडिशनल चीफ जूडिशियल मैजिस्ट्रेट बनकर वाराणसी आए. मई 2020 में वह स्पेशल सीजेएम बने. अभी वह वाराणसी सिविल जज सीनियर डिविजन हैं.
यह भी पढ़िएः 'फेल रहा कांग्रेस का चिंतन शिविर', प्रशांत किशोर ने उठाए सवाल
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.