यूपी में फिर शुरू होगा हलाल सर्टिफिकेट? योगी सरकार के बैन के खिलाफ कोर्ट जाएगा हलाल ट्रस्ट
योगी आदित्यनाथ सरकार के फैसले पर हलाल ट्रस्ट के सीईओ नियाज अहमद ने सरकार के फैसले को गलत बताया है. उन्होंने कहा कि यह लोगों की व्यक्तिगत पसंद का मामला है.
नई दिल्ली. हलाल ट्रस्ट के सीईओ नियाज अहमद का कहना है कि संस्था ने योगी सरकार के फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने का फैसला किया है. दरअसल योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेट से जुड़े प्रोडक्ट्स को बैन करने का फैसला किया है. आदेश के मुताबिक हलाल सर्टिफिकेशन से संबंधित व्यक्ति/फर्म के विरुद्ध कठोर विधिक कार्यवाही की जाएगी.
क्या बोले हलाल ट्रस्ट के सीईओ
इस फैसले पर हलाल ट्रस्ट के सीईओ नियाज अहमद ने सरकार के फैसले को गलत बताया है. उन्होंने कहा कि यह लोगों की व्यक्तिगत पसंद का मामला है.
क्यों लिया सरकार ने फैसला
हाल के दिनों में प्रदेश सरकार को ऐसी जानकारी मिल रही थी कि डेरी उत्पाद, चीनी, बेकरी उत्पाद, पिपरमिन्ट ऑयल, नमकीन रेडी-टू-ईट वेवरीज व खाद्य तेल जैसे उत्पादों के लेबल पर हलाल प्रमाणन का उल्लेख किया जा रहा है. इतना ही नहीं कुछ दवाइयों, चिकित्सा युक्तियों व प्रसाधन सामग्रियों के उत्पाद के पैकिंग/लेबलिंग पर हलाल प्रमाण पत्र का भी अंकन किए जाने की सूचना मिली है.
सरकारी नियमावली के अनुसार खाद्य पदार्थों के लिए शीर्षस्थ संस्था भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण को खाद्य पदार्थों के मानकों का निर्धारण करने का अधिकार दिया गया है, जिसके आधार पर खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाती है. जबकि, हलाल प्रमाणन एक समानांतर व्यवस्था है, जो खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता के विषय में भ्रम की स्थिति उत्पन्न करता है एवं सरकार के नियमों का उल्लंघन करता है.
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