Himachal Pradesh Politics: हिमाचल में सरकार पर 3 महीने तक खतरा नहीं, जानें CM सुक्खू ने कैसे बचाया किला?
Himachal Pradesh Political Crisis: हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर 3 महीने के लिए खतरा टल गया है. बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्य प्रस्ताव भी लाया गया है. इस पर विधानसभा में सुनवाई हो रही है. 6 विधायकों ने पार्टी से बगावत की थी.
नई दिल्ली: Himachal Pradesh Political Crisis: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार पर मंडरा रहा खतरा फिलहाल के लिए टल गया है. अगले तीन महीने तक हिमाचल प्रदेश की सरकार पर कोई संकट नहीं आने वाला. दरअसल, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने बजट पास कराकर विश्वास मत हासिल कर लिया है.
बजट पेश कर विश्वास मत हासिल किया
राज्य की सुक्खू सरकार ने बुधवार को विधानसभा में बजट पेश किया, इस दौरान सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया. नियम कहता है कि फाइनेंसियल बिल के साथ विश्वास मत हासिल करने के बाद 3 महीने तक सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं आ सकता. कांग्रेस के लिए फिलहाल यह बड़ी राहत मानी जा रही है.
सुक्खू बोले- सरकार को खतरा नहीं
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि सरकार अब खतरे से बाहर हो गई है. जो विधायक मेरे साथ खड़े हैं, मैं उनका धन्यवाद दूंगा. उन्होंने कहा कि जिन 6 विधायकों ने बगावत की थी. उनमें से एक ने माफी मांगी है. कहा है कि मुझसे गलती हो गई है.
अयोग्यता प्रस्ताव पर सुनवाई
कांग्रेस बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता प्रस्ताव लेकर आई है. इस पर विधानसभा में सुनवाई में सुनवाई हो रही है. स्पीकर के चैंबर में पक्ष और विपक्ष के वकील भी मौजूद हैं. यदि विधायकों को अयोग्य ठहराया जाता है, तब भी बहुमत कांग्रेस के पास रहेगा.
क्या बोले विक्रमादित्य?
मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले विक्रमादित्य ने कहा है कि मैं जो भी कहता हूं, वह तथ्यों और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित होता है. राज्य में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार है. आज वित्त विधेयक पारित हो गया है.
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