नई दिल्ली: कम आबादी वाले राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. राज्य स्तर पर अल्पसंख्यकों की पहचान वाले मामले का समाधान करने को लेकर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि जिन राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं, वहां उन्हें अल्पसंख्यक का दर्जा दिया जाए और उनके अधिकारों की सुरक्षा होनी चाहिए.


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अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा लालपुरा का बयान


आयोग के अध्यक्ष लालपुरा ने यह भी कहा कि सरकार इन मामलों को देखे की कहां किसको, सुरक्षा की जरूरत है ताकि सबको बराबरी का हक मिल सके. दरअसल, बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने याचिका में कहा कि देश के 10 राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं, लेकिन वहां हिंदुओं की जगह स्थानीय बहुसंख्यक समुदायों को ही अल्पसंख्यक हितैषी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है. 


बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने याचिका दायर कर बताया था कि लद्दाख, मिजोरम, लक्षद्वीप, कश्मीर, नागालैंड, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, पंजाब और मणिपुर में यहूदी, बहाई और हिंदू अल्पसंख्यक हैं. इस मसले पर केंद्र ने भी अपना पक्ष रख दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को अपना जवाब दाखिल करने के लिए तीन महीने का समय दिया है.


सभी राज्यों में बने अल्पसंख्यक आयोग


वहीं कोर्ट ने केंद्र से कहा कि अलग-अलग रुख अपनाने से कोई फायदा नहीं होगा. इसके अलावा आयोग अध्यक्ष ने इस बात पर भी जोर दिया कि, अल्पसंख्यक आयोग सभी राज्यों में होना चाहिए, कुछ जगहों पर नहीं है, जहां नहीं हैं हम सरकार के संपर्क में हैं. जिसको मदद की जरूरत है हम उनकी मदद करेंगे.


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