दंगाईयों को ठिकाने लगाने के लिए गृहमंत्री अमित शाह ने खुद संभाली कमान
दिल्ली को आग लगाकर दंगाईयों के कलेजे को ठंडक पहुंची होगी, लेकिन वो शायद ये भूल गए हैं ये नया भारत है देश के बाहर बैठे दुश्मनों को जब नहीं छोड़ता तो, देश जलाने वाले गद्दारों को भला कैसे माफ करेगा?
नई दिल्ली: सीएए और एनआरसी के विरोध को लेकर दिल्ली में भड़की हिंसा की आग शांत होने का नाम नहीं ले रही है. सोमवार को दिन भर पथराव और आगजनी की घटनाओं के चलते पसरे तनाव के बादल छंटे भी नहीं थे कि मंगलवार को फिर से हिंसा हुई. जाफराबाद और बाबरपुर इलाके में एक बार फिर पथराव और आगजनी की घटनाएं सामने आईं. लेकिन इन दंगाईयों से निपटने के लिए गृहमंत्री अमित शाह ने खुद कमान संभाल ली है.
गृहमंत्री अमित शाह ने की रणनीति पर चर्चा
देश की राजधानी में बिगड़े हालात को देखते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने हाई लेवल मीटिंग की और दंगाईयों को सबक सिखाने के लिए रणनीति तैयार की. मीटिंग में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पुलिस अधिकारी शामिल हुए. हिंसा को लेकर अमित शाह ने की 14 घंटे में दो बड़ी बैठकें की.
सीएम केजरीवाल ने भी की आपात बैठक
हालात को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इमरजेंसी बैठक बुलाई. जिसमें हिंसा प्रभावित इलाकों के सभी विधायक और अधिकारी शामिल हुए. इस दौरान राजधानी के हालात पर चर्चा हुई. इस बैठक के बाद केजरीवाल ने कहा कि पुलिस को ऊपर से कार्रवाई का आदेश नहीं है, इसलिए वह उचित कार्रवाई नहीं कर पा रही है. सीमाई इलाकों से लोग दिल्ली आ रहे हैं और हिंसा कर रहे हैं. हमने बॉर्डर को सील करने और उपद्रवियों पर कार्रवाई की मांग की है.
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हिंसा को देखते हुए पुलिस ने दिल्ली के नॉर्थ-ईस्ट जिले में महीनेभर के लिए धारा 144 लगा दी है. शांति बहाली के लिए अलग-अलग इलाकों में पुलिस ने अमन कमेटी से बात चीत शुरू कर दी है. लोगों से अपील की जा रही है कि वो अफवाहों पर ध्यान ना दें.
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अमित शाह ने बैठक कर दंगाईयों के खिलाफ सख्त एक्शन को लेकर भी चर्चा की है. दंगाईयों ने आतंक फैलाने और दिल्ली को जलाने के लिए जो साजिश रची है, उसे नाकाम करने के मकसद से केंद्र और दिल्ली सरकार एक साथ काम कर रही हैं. ऐसे में दंगाईयों को अपने दिमाग में ये बैठा लेना चाहिए कि उनके इस गुनाह की सजा उन्हें जरूर भुगतनी पड़ेगी.
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