नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की सियासत का एक अध्याय गुजर गया और अब मुलायम सिंह यादव सिर्फ लोगों की यादों में ही जिंदा रहेंगे. ऐसे में उनसे जुड़ी कई सारी कहानियां सामने आ रही हैं. लोग तरह-तरह से उन्हें याद कर रहे हैं, कई सारे लोगों के जेहन में ये सवाल भी उठ रहे हैं कि आखिर मुलायम का साइकिल से इतना अधिक लगाव क्यों था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मुलायम ने पिता से नहीं मांगी साइकिल!
मुलायम सिंह यादव एक साधारण किसान परिवार में जन्मे थे. वो अपनी डिग्री कॉलेज की शिक्षा प्राप्त करने 20 किमी. दूर अपने दोस्त रामरूप के साथ जाते थे (द सोशलिस्ट किताब के लेखक Frank Huzur द्वारा लिखित) आर्थिक दशा ठीक न होने के कारण वो अपने पिता से साइकिल नहीं मांग रहे थे, जो कि बहुत जरूरी थी.


इसी सिलसिले में मुलायम के दोस्त रामरूप बताते हैं (The Socialist Book) एक बार जब वो उजियानी गांव से गुजर रहे थे, तो गांव के कुछ लोग ताश खेल रहे थे. गांव की गिनजा में लाला रामप्रकाश गुप्ता भी खेल रहे थे, शर्त ये रखी कि जो जीतेगा उसे Robinhood Cycle मिलेगी. मुलायम खेले और जीते और आज भी मुलायम साइकिल की बेहतरीन रफ्तार पकड़कर समाजवादी का कुनबा आगे बढ़ाएं जा रहे है.


मुलायम पर राममनोहर लोहिया का प्रभाव!
मुलायम सिंह यादव का जन्म उत्तर प्रदेश के सैफई में 22 नवंबर 1939 को हुआ था. जवानी में पहलवान बनने का सपना देखने वाले मुलायम सिंह यादव पर समाजवादी राजनीति के कद्दावर नेता राममनोहर लोहिया का प्रभाव केवल 14 साल की उम्र में पड़ा. लोहिया के समाजवादी विचारों का प्रभाव ही था कि पहली बार इसी उम्र में नेताजी जेल गए थे.


आगे अपने कॉलेज के दिनों में मुलायम सिंह पर राम मनोहर लोहिया और राज नारायण के समाजवादी विचारों का प्रभाव और बढ़ा. वे अपने कॉलेज के छात्र संघ के अध्यक्ष बने. यही वह दौर था जब लोहिया की संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी (SSP) जातिवाद के उन्मूलन, कीमतों में बढ़ोतरी और अंग्रेजी भाषा के खिलाफ अभियान चला रही थी.


मुलायम ने 1967 में जसवंतनगर से SSP के टिकट पर चुनावी राजनीति की शुरुआत की और इस सीट से विधायक बने. मुलायम के निधन से लोगों में शोक की लहर है, खुद पीएम मोदी ने भी दुख व्यक्त किया है.


इसे भी पढ़ें- Mulayam Singh Yadav: क्यों मुलायम ने खुद लगवाए थे 'नेता जी मर गए, नेता जी मर गए' के नारे?


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.