नई दिल्लीः गाजियाबाद में लकड़ी की प्लाई की वजह से एक साइट पर लगी आग आगे नहीं बढ़ सकी. प्लाई में करीब 2 घंटे तक आग लगी रही, लेकिन इसके बाद भी वह एक ही तरफ से जली और दूसरी तरफ कोई आंच भी नहीं आई.


गाजियाबाद की एक साइट पर लगी थी आग


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कविनगर में KD-69 साइट पर आग लग गई थी. साइट पर केमिकल और पेंट प्रोडक्ट होने की वजह से आग फैलते गई, लेकिन इस आग में किसी तरह का जान का नुकसान नहीं हुआ. ये सब हुआ ग्रीनप्लाई प्लेटिनम वुड की वजह से, जिसने आग को रोकने में मदद की.


माचिस की अधजली तीली से आग लगने का अंदेशा


साइट के कॉन्ट्रेक्टर राम प्रवेश शर्मा ने बताया कि उनकी साइट में बीते 30 नवंबर को अपुष्ट वजहों के चलते आग लग गई थी. हालांकि अंदेशा जताया जा रहा है कि किसी मजदूर ने अपनी आधी जली हुई माचिस की तीली आसपास कचरे के ढेर में फेंक दी थी, जिससे साइट पर आग लगी.


डीजल-पेंट प्रोडक्ट से तेजी से फैलती गई आग


साइट पर केमिकल, पेट्रोकेम, डीजल और पेंट प्रोडक्ट पड़े थे, जिसकी वजह से आग तेजी से फैलती गई. देखते ही देखते आगे और आगे बढ़ती गई, लेकिन साइट पर इस्तेमाल की गई ग्रीनप्लाई प्लैटिनम लकड़ी की वजह से कोई भी जान की क्षति नहीं हुई.


प्लाई का एक तरफ का हिस्सा बिल्कुल सुरक्षित


कॉन्ट्रेक्टर ने बताया कि इस प्लाई ने 2 घंटे से ज्यादा समय तक आग को काबू में रखा. इसकी वजह से आग आगे बढ़ने से रुक गई. इस प्लाई का एक तरफ का हिस्सा आग से पूरा जला हुआ है, जबकि दूसरी तरफ आग की आंच भी नहीं आई है. वहीं साइट की दीवारें आग की वजह से काली हो गई हैं. इसके बाद भी प्लाई बची रही.


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