आखिर कैसे चुना जाता है मुख्यमंत्री, हाईकमान क्यों भेजता है अपने दूत?
How CM is Elected: किसी भी पार्टी को राज्य में मुख्यमंत्री बनाने के लिए बहुमत की आवश्यकता होती है. वो नेता भी मुख्यमंत्री बन सकते हैं, जो विधायक नहीं हैं. मुख्यमंत्री बनने के लिए विधायक होने की जरूरत नहीं है. लेकिन 6 महीने के भीतर उसे विधायक या विधान परिषद का सदस्य होना जरूरी है.
नई दिल्ली: How CM is Elected: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए हैं, तीन में नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान भी हो गया है. राजस्थान और मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं हुई है. मध्य प्रदेश में आज शाम 4 बजे विधायक दल कि बैठक में पार्टी मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर सकती है. राजस्थान में स्थिति फिलहाल स्पष्ट नहीं है. आम आदमी के मन में यह सवाल जरूर उठता होगा कि मुख्यमंत्री कैसे चुना जाता है. आखिर किस प्रक्रिया के तहत उसे विधायक दल का नेता बनाया जाता है. आइए, जानते हैं इन सारे सवालों के जवाब.
कैसे चुना जाता है मुख्यमंत्री
किसी भी पार्टी को राज्य में मुख्यमंत्री बनाने के लिए बहुमत की आवश्यकता होती है. इसे छत्तीसगढ़ के उदाहरण से समझिए. छत्तीसगढ़ में कुल 90 सीटें हैं. किसी भी पार्टी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए 46 या इससे अधिक सीटों की आवश्यकता होगी. इस बार भाजपा को 54 सीटें आईं, जो बहुमत से अधिक थीं. जबकि कांग्रेस को 35 सीटें आईं, जो बहुमत से कम थीं. इसलिए भाजपा ही सरकार और इसका मुखिया यानी मुख्यमंत्री बनाएगी.
क्यों होती है विधायक दल की बैठक
विधायकों की बैठक को विधायक दल कहा जाता है. विधायक दल का नेता ही मुख्यमंत्री होता है. जीती हुई पार्टी के निर्वाचित विधायक जिसके पक्ष में होते हैं, वही मुख्यमंत्री बनता है. इसके लिए भी बहुमत की आवश्यकता होती है. पहले की सरकारों में जिसका पास ज्यादा संख्या बल होता था, वही सीएम बनता था. आजकल हाईकमान ऊपर से नाम भेजता है और विधायक उसे ही बहुमत के साथ अपना नेता मान लेते हैं. विधायकों की राय जानने या उन्हें हाईकमान का संदेश देने के लिए पर्यवेक्षक भेजे जाते हैं. पर्यवेक्षकों की जिम्मेदारी होती है कि मुख्यमंत्री चुने जाने की प्रक्रिया आसानी से पूरी हो सके.
विधायक होना जरूरी नहीं
वो नेता भी मुख्यमंत्री बन सकते हैं, जो विधायक नहीं हैं. मुख्यमंत्री बनने के लिए विधायक होने की जरूरत नहीं है. लेकिन 6 महीने के भीतर उसे विधायक या विधान परिषद का सदस्य होना जरूरी है. साल 2022 में उत्तराखंड में चुनाव हुए लेकिन तब के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद ही चुनाव हार गए, भाजपा जीत गई. फिर भी उन्हें सीएम बनाया गया और 6 महीने के भीतर दूसरी सीट से वे विधायक बने.
ये भी पढ़ें- Rajasthan New CM: कौन बनेगा मुख्यमंत्री, जानें फलोदी सट्टा बाजार में कौनसा नेता आगे?
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.