नई दिल्ली: Nitish Kumar JDU: बिहार में सियासत गरमाई हुई है. मीडिया जगत से लेकर सियासी हलकों में चर्चा छिड़ी है कि बिहार के मुख्यमंत्री जल्द ही RJD के साथ गठबंधन तोड़ रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि JDU एक बार फिर BJP से गठबंधन कर NDA के साथ आ सकती है. कई पॉलिटिकल पंडित कह चुके हैं कि जदयू और भाजपा अगला लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगी. यदि नीतीश कुमार एक दल से नाता तोड़कर दूसरे दल के साथ जा मिलते हैं, तो यह कोई पहली बार नहीं होगा. इसे पहले भी वो ऐसा कई दफा कर चुके हैं. आइए, जानते हैं कि नीतीश कुमार ने कब-कब पाला बदला है


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कैसे बनी जनता दल यूनाइटेड (JDU)?
सबसे पहले नीतीश कुमार ने साल 1994 में लालू प्रसाद यादव से अलग होकर समता पार्टी बनाई थी. फिर लालू भी जनता दल से अलग हुए और राजद नाम से पार्टी बना ली. जनता दल की कमान शरद यादव के पास आई और उन्होंने लोकदल का विलय कर जनता दल यूनाइटेड यानी जदयू बना ली. इसके बाद नीतीश ने भी 2003 में जदयू में समता पार्टी का विलय कर दिया. 


भाजपा के साथ गए नीतीश
इसके बाद साल 2005 में बीजेपी और जेडीयू ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा. गठबंधन को 142 सीटें मिलीं, इनमें जेडीयू को 88 और भाजपा को 55 सीटें मिलीं. नीतीश कुमार को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया गया.


भाजपा का साथ छोड़ा
साल 2013 में नीतीश कुमार ने BJP का दामन छोड़ने का फैसला किया. नीतीश ने कहा कि हम सिद्धांतों से समझौता नहीं कर सकते. नीतीश नरेंद्र मोदी को पीएम पद का दावेदार घोषित किए जाने से नाराज थे, इसलिए उन्होंने NDA का साथ छोड़ा. भाजपा छोड़ने के बाद भी नीतीश ने कांग्रेस और CPI की मदद से बहुमत सिद्ध कर दिया. 


RJD से किया गठबंधन
2014 के लोकसभा चुनाव में JDU बूरी तरह हारी, नीतीश ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. जीतनराम मांझी नए मुख्यमंत्री बने. विधानसभा चुनाव करीब आने पर मांझी से इस्तीफा मांगा,  लेकिन वो अड़ गए. अंत में उनको पार्टी से निकाला गया. नीतीश फिर सीएम बने और RJD से गठबंधन कर 2015 में विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की


RJD का साथ छोड़ा, फिर भाजपा के साथ गए
इसके बाद नीतीश कुमार ने साल 2017 में महागठबंधन छोड़ दिया और फिर से भाजपा के साथ चले गए. 2020 का चुनाव साथ मिलकर लड़ा और फिर से मुख्यमंत्री बने. इस बार जेडीयू की सीटें भाजपा से कम थीं, फिर भी नीतीश को ही सीएम बनाया गया.


भाजपा को छोड़ RJD के साथ आए
साल 2022 में नीतीश ने यह दर्शाया कि भाजपा के साथ वो दबाव में सरकार चला रहे थे. लेकिन अब वो मुक्त होकर सरकार चलाना चाह रहे हैं. इसके बाद नीतीश ने फिर से RJD से गठबंधन कर लिया. उन्होंने उस दौरान कहा कि मैं अपने पूरे जीवन में उनके (भाजपा) के साथ कभी नहीं जाऊंगा. लेकिन अब सियासी गलियारों में फिर चर्चा है कि नीतीश भाजपा के साथ जा सकते हैं. 


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