नई दिल्ली. देश में हेट क्राइम पर रोकथाम लगाने के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने राज्यों को एक रास्ता सुझााया है. आयोग ने देश के सभी अल्पसंख्यक समुदायों के हितों की रक्षा और घृणा अपराध की घटनाओं पर अंकुश लगाने के मकसद से सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि वे अपने यहां अनुमंडल के स्तर पर हर महीने सर्वधर्म संवाद बैठक का आयोजन करें.


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सभी समुदायों का हो प्रतिनिधित्व
आयोग का कहना है कि इस सर्वधर्म संवाद बैठक में समाज के सभी समुदाय के लोगों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए. राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को जारी परामर्श में यह भी कहा गया है कि हर छह महीने पर जिले स्तर पर भी ऐसे बैठक का आयोजन किया जाए. अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हमलों और घृणा अपराध की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए इस तरह की बैठक जरूरी है.


नागरिकों और समाज की जिम्मेदारी
अल्पसंख्यक आयोग ने जोर दिया है कि हमलों और घृणा अपराध से समुदायों के बीच कड़वाहट और सांप्रदायिक वैमनस्य बढ़ता है. नफरत, मानसिक कमजोरी और गुस्से के कारण होती है. आयोग का कहना है कि हर नागरिक को अपने धर्म का पालन करने और उसका प्रचार करने का अधिकार है. यह नागरिकों और समाज की जिम्मेदारी होनी चाहिए कि वे असामाजिक तत्वों द्वारा किए गए घृणा अपराधों को अस्वीकार और उसकी निंदा करें.


देश के कानून के मुताबिक मिले सजा
आयोग ने साफ कहा कि असमाजिक तत्वों द्वारा किए गए हेट क्राइम पर देश के कानून के अनुसार सरकार द्वारा दंडात्मक कार्रवाई की जाए. अधिकारियों को ऐसी असामाजिक, राष्ट्र-विरोधी ताकतों को रोकने और समाज में हिंसा की घटना को रोकने के लिए नागरिक समाज की भागीदारी को शामिल करते हुए व्यवस्था विकसित करनी चाहिए.


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