अपने विधायक संभल नहीं रहे तो भाजपा विधायकों पर डोरे डाल रहे कमलनाथ
मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सियासी संग्राम जारी है. बीजेपी ने ऑपरेशन लोटस के जरिये कमलनाथ की नींद उड़ा रखी है तो जवाब में कमलनाथ भी भाजपा के विधायकों पर डोरे डाल रहे हैं.
भोपाल: मध्यप्रदेश के सत्ता संग्राम में मुख्यमंत्री कमलनाथ खुल कर बगावत की राजनीति को बढ़ावा दे रहे हैं. एक तरफ उनसे खुद के विधायक तो संभल नहीं रहे हैं दूसरी तरफ वे भाजपा के विधायकों को तोड़ने की कोशिश में जुट गये हैं. इससे स्पष्ट है कि बागी कांग्रेस विधायक कमलनाथ को कुर्सी से हटाने के लिये तत्परता से जुटे हैं इसीलिये कमलनाथ कुर्सी के लालच में भाजपा विधायकों पर डोरे डाल रहे हैं. हालत ये है कि जो भाजपा विधायक एक साल से सीएम कमलनाथ की सरकार को समर्थन दे रहे थे, उन्हीं को अपने पाले में लाने का दिखावा करके कमलनाथ प्वाइंट स्कोरिंग करना चाहते हैं.
बागी भाजपा विधायकों ने कमलनाथ से की मुलाकात
भोपाल में मुख्यमंत्री कमलनाथ के निवास पर बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी और संजय पाठक ने देर रात कमलनाथ से मुलाकात की. वहीं, बीजेपी के तीसरे विधायक शरद कोल पहले से ही बगावत का रुख अपनाए हुए हैं और कांग्रेस खेमे के साथ खड़े हैं. इसको अपनी जीत बताकर कमलनाथ राज्य की राजनीति में खुद को स्थापित रखने की कोशिश कर रहे हैं.
डेढ़ घंटे से ज्यादा समय तक कमलनाथ से हुई मुलाकात
बीजेपी ने इन विधायकों के देर रात कमलनाथ सरकार के पर्यटन मंत्री सुरेन्द्र सिंह बघेल हनी लेकर मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे. बीजेपी के दोनों विधायक लगभग एक घंटे तक मुख्यमंत्री आवास पर रहे. कमलनाथ के यहां से निकलने के बाद नारायण त्रिपाठी ने अपने इस्तीफे की खबर को गलत बताया और कहा कि वह अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने आए थे. मुख्यमंत्री निवास से विधायक नारायण त्रिपाठी के निकलने के आधे घंटे बाद बीजेपी विधायक संजय पाठक निकले. पाठक करीब लगभग डेढ़ घंटे से ज्यादा समय तक कमलनाथ के घर पर रहे.
कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने दे चुके हैं इस्तीफा
कांग्रेस के विधायक हरदीप सिंह डंग ने इस्तीफा देने का ऐलान भी कर दिया है. भाजपा के सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के कुल 15 विधायक इस्तीफा देने की तैयारी में हैं. डंग ने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री कमलनाथ को भेजा है. उनका आरोप है कि वे मंदसौर जिले के सुवासरा से दूसरी बार विधायक चुने गए हैं, मगर उनकी बात कोई मंत्री और अधिकारी नहीं सुन रहे हैं. इससे परेशान होकर उन्होंने इस्तीफा दिया है.
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