नई दिल्लीः  दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर सोमवार को कम दबाव का क्षेत्र बना जिसके चक्रवात में बदलने और इस सप्ताह के अंत में बांग्लादेश-म्यांमा तटीय क्षेत्र की ओर बढ़ने के आसार हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी. आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने इसकी पुष्टि की. उन्होंने मछुआरों,नौका तथा छोटी नौकाओं को दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में नहीं जाने साथ का सुझाव दिया है. 


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जानिए क्या है मोचा चक्रवात
इस चक्रवात का नाम मोचा (मोखा) होगा. यह नाम यमन ने दिया है. महापात्रा ने एक बयान में कहा, ‘‘ यह चक्रवात शुरू में 11 मई तक उत्तर-उत्तर पश्चिम से पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर तथा उसके बाद फिर उत्तर-उत्तर पूर्व दिशा में बांग्लादेश-म्यांमा तटों की ओर बढ़ सकता है. उन्होंने कहा कि मौसम के प्रभाव के कारण अंडमान और निकोबार द्वीपसमूहों में मंगलवार को भारी बारिश के आसार हैं. 


जानिए क्या बोला मौसम विभाग
मौसम विभाग ने कहा, ‘‘दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी और उससे सटे दक्षिण अंडमान सागर में जो लोग हैं उन्हें सुरक्षित स्थानों पर लौटने की सलाह दी जाती है, वहीं मध्य बंगाल की खाड़ी और उत्तर अंडमान सागर के लोगों को नौ मई से पहले लौटने की सलाह दी जाती है.’’ उसने 8 मई से 12 मई तक अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के पास पर्यटन, तटीय गतिविधियों पर नजर रखने का सुझाव दिया है. 


कोलकाता में मौसमविज्ञानी ने कहा कि अगले 24 घंटे में चक्रवात मोचा के आगे बढ़ने का मार्ग स्पष्ट हो जाएगा. मौसम विभाग से जुड़े अधिकारी ने कहा कि चक्रवातीय परिस्थितियों के प्रभाव के कारण सोमवार को कोलकाता में मौसम गर्म और परेशान करने वाला रहा. इसी प्रकार के मौसम जारी रहने और अधिकतम तथा न्यूनतम तापमान के क्रमश: 39 तथा 29 डिग्री सेल्सियस के करीब रहने का अनुमान है. मौसम विभाग ने कहा कि सोमवार को शहर का अधिकतम तापमान 38.4 डिग्री सेल्सियस तथा सापेक्ष आर्द्रता 88 प्रतिशत रही. वहीं न्यूनतम तापमान 28.7 तथा न्यूनतम सापेक्ष आर्द्रता 34 प्रतिशत रही. 


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