Income Tax Day: एक जमाने में 200 रु की कमाई पर भी लगता था टैक्स... अंग्रेज क्यों लाए ये प्रणाली?
Income Tax Day 24 July: आज 24 जुलाई को इनकम टैक्स डे है. भारत में इनकम टैक्स की शुरुआत अंग्रेजों ने 1857 की क्रांति के बाद की थी. तब अंग्रेजी हुकुमत को आर्थिक घाटा हुआ, इससे उबरने के लिए टैक्स प्रणाली लाई गई.
नई दिल्ली: Income Tax Day 24 July: देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को ही बजट पेश किया था. इसमें उन्होंने न्यू टैक्स रिजीम में बदलाव किए. ये इत्तेफाक ही है कि आज 24 जुलाई को इनकम टैक्स दिवस है. टैक्स का इतिहास वैसे तो बहुत पुराना है. लेकिन भारत में ये कागजी तौर पर 1857 की क्रांति के बाद लागू हुआ. इससे पहले राजा-महाराजों या जमीदारों के दौर में अनाज को टैक्स के रूप में वसूला जाता था.
1857 की क्रांति में अंग्रेजों को हुआ आर्थिक घाटा
अंग्रेजों के खिलाफ पहली बड़ी क्रांति 1857 की मानी जाती है. तब भारतीय सैनिकों ने अंग्रेजों के खिलाफ बगावत का बिगुल बजा दिया था. इस बगावत को कुचलने के लिए अंग्रेजों ने अपनी सेना पर खर्च बढ़ा दिया. उस जमाने (1856-57) में अंग्रेजों ने अपनी आर्मी पर 1 करोड़ 14 लाख पाउंड खर्च किए थे. 1857 की क्रांति के बाद ये खर्च करीब -करीब डबल हो गया. 1857-58 में आर्मी का खर्च 2 करोड़ 10 लाख पाउंड हो गया था. तब एक पाउंड 10 रुपये के बराबर हुआ करता था. इस कारण से ब्रिटेन पर भारी कर्ज हो गया.
जब पहली बार लागू हुए टैक्स
आर्थिक समस्याओं से निपटने की जिम्मेदारी जेम्स विल्सन को दी गई. वे द इकोनॉमिस्ट मैगजीन के फाउंडर भी हैं. इंडिया में वायसराय लॉर्ड कैनिंग की काउंसिल में विल्सन को वित्तीय सदस्य बनाया गया. फिर उन्होंने 18 फरवरी, 1860 को भारत में पहला बजट पेश किया. इसी बजट में उन्होंने टैक्स लागू किए. ये तीन तरह के टैक्स थे. इनकम टैक्स, लाइसेंस टैक्स औरतंबाकू टैक्स.
इतनी कमाई वालों पर लगा टैक्स
विल्सन द्वारा पेश किए गए बजट में 200 से 500 रु. तक की सालाना इनकम वाले लोगों पर 2% टैक्स लगाया गया था. जबकि इससे ऊपर की कमाई करने वालों को 4% टैक्स भरने के लिए कहा गया. हालांकि, तब सेना, नौसेना और पुलिसकर्मियों को इनकम टैक्स से बाहर रखा गया, इन्हें टैक्स नहीं देना होता था. जैसे ही टैक्स लागू हुआ, वर्किंग क्लास ने इसका विरोध किया. लेकिन ये प्रावधान नहीं हटा.
आयकर कानून 1961 की पालना हो रही
साल 1946 में भारत में पहली बार आयकर अधिकारियों की परीक्षा के जरिये भर्ती की गई. आगे चलकर देश आजाद होने के बाद 1953 में इसे 'इंडियन रेवेन्यू सर्विस' (IRS) नाम मिला. बता दें कि फिलहाल देश में 1961 के आयकर कानून की पालना होती है. हालांकि, ये संशोधित होता रहता है.
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