नई दिल्लीः राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल (Ajit Dobhal) को देश की सुरक्षा से संबंधित और एक और बड़ा श्रेय हासिल हुआ है. दरअसल, भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियां मालदीव में वांटेड अपराधियों को (जिनका भारत में किए गए अपराध से संबंध होगा) समन या जांच के लिए सक्षम कोर्ट के माध्यम से वारंट भेज सकती हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


भारत और मालदीव के बीच परस्पर कानूनी सहायता संधि- एमलैट के तहत साल पर पहले हुए समझौते को लागू करने के लिए नियम अधिसूचित करने की जानकारी मालदीव को दी गई है. 


भारतीय अदालतों के नियमों को किया अधिसूचित
जानकारी के मुताबिक, ये प्रक्रिया गृह मंत्रालय के जरिये ही आगे बढ़ाई जाएगी. सामने आया है कि गृह मंत्रालय ने दोनों देशों के बीच हुए एक समझौते के अनुसार मालदीव में अभियुक्तों को समन जारी करने के लिए भारतीय अदालतों के लिए नियमों को अधिसूचित किया है.



सूत्रों ने बताया कि उन नियमों को अधिसूचित किया गया है, जिनके तहत भारतीय पुलिस या किसी केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा मालदीव में किसी भी आरोपी को भारतीय अदालतों के माध्यम से समन या तलाशी वारंट भेजा जा सकता है. 


केंद्र सरकार ने तय किए दिशा निर्देश
नियमों में कहा गया है, मालदीव गणराज्य में अपराधियों को समन भेजने या आपराधिक मामलों के संबंध में वारंट और सर्च वारंट की व्यवस्था केंद्र सरकार द्वारा की गई है. समन की प्रक्रिया गृह मंत्रालय के माध्यम से कराई जानी चाहिए.


 


यह भी कहा गया है कि इसी तरह मालदीव की अदालत से प्राप्त समन, वारंट, दस्तावेज या अन्य दस्तावेज भी एमएचए को भेज दी जानी चाहिए. आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 की (1974 की 2) की धारा 105 की उप-धारा (2) के प्रावधान के अनुसार, केंद्र सरकार ने इस संबंध में दिशा निर्देश तय किए हैं. गृह मंत्रालय में इस मामले को आंतरिक सुरक्षा- 2 विभाग देखेगा. 


2019 में हुई थी संधि
भारत और मालदीव ने पहली बार 3 सितंबर, 2019 को आपराधिक मामलों के लिए पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (MLAT) पर हस्ताक्षर किए थे. भारत ने 42 अन्य देशों के साथ इस तरह की संधि व्यवस्था पर हस्ताक्षर किए हैं.



बताया जा रहा है कि नवम्बर के आखिरी हफ्ते में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल श्रीलंका की यात्रा पर गए थे. माना जा रहा है कि इसी यात्रा के दौरान भारत और मालदीव ने द्विपक्षीय वार्ता में परस्पर कानूनी सहायता संधि को लागू करने की जरूरत पर बल दिया था. 


यह भी पढ़िएः PM Modi का कच्छ दौरा क्यों है खास, किसानों से बात के अलावा क्या है अहम, जानिए


देश और दुनिया की हर एक खबर अलग नजरिए के साथ और लाइव टीवी होगा आपकी मुट्ठी में. डाउनलोड करिए ज़ी हिंदुस्तान ऐप. जो आपको हर हलचल से खबरदार रखेगा...


नीचे के लिंक्स पर क्लिक करके डाउनलोड करें-

Android Link -