नई दिल्ली: चीन ने पूरी दुनिया को कोरोना वायरस दिया और हजारों लोगों की जिंदगी समाप्त कर दी. इसी कोरोना वायरस से बचने के लिए सभी देश भारत की शरण में हैं. अमेरिका, ब्राजील, इजराइल, ब्रिटेन और इटली समेत सभी देशों को भारत से उम्मीद है कि भारत उनकी रक्षा करेगा. दूसरी तरफ चीन खुद को कोरोना के कहर से बचाने के बजाय दूसरे देशों के आंतरिक मसलों पर बेतुकी बयानबाजी कर रहा है.


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भारत ने संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी मिशन के प्रवक्ता द्वारा जम्मू-कश्मीर के बारे में की गई टिप्पणी को बृहस्पतिवार को खारिज किया और इस बात पर बल दिया कि यह केंद्रशासित प्रदेश उसका अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा.


भारत के मसलों पर टिप्पणी न करे चीन- विदेश मंत्रालय


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत चीन से उम्मीद करता है कि वह भारत के आंतरिक मामलों, देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर टिप्पणी करने से बचेगा. उन्होंने कहा कि भारत यह उम्मीद भी करता है कि चीन जम्मू कश्मीर समेत भारत के लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाले सीमापार आतंकवाद की समस्या को समझेगा और उसकी निंदा करेगा.


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चीन ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर पर चर्चा की उठाई थी मांग


संयुक्त राष्ट्र चीन के स्थायी मिशन के प्रवक्ता ने कहा था कि कश्मीर मुद्दा संरा सुरक्षा परिषद के एजेंडा में प्रमुखता से छाया रहा है और चीन कश्मीर के वर्तमान हालात पर करीब से नजर रख रहा है.


उल्लेखनीय है कि सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता वर्तमान में चीन के पास है. चीन के अधिकारी ने कथित तौर पर यह भी कहा कि कश्मीर का मुद्दा बहुत पहले से चला आ रहा है और इसका उचित समाधान निकलना चाहिए.


कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा


भारत की ओर से चीन को करारा जवाब दिया गया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी मिशन के प्रवक्ता ने जो बयान दिया है, उसमें जम्मू-कश्मीर के संदर्भ को हम नकारते हैं.’’ बता दें कि वह चीन के प्रवक्ता की टिप्पणी के संबंध में पूछे गए सवाल पर प्रतिक्रिया दे रहे थे.


भारत ने कहा कि चीन इस मुद्दे पर भारत के सतत रुख से भलीभांति वाकिफ है. जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा रहा है, है और रहेगा. भारत की ओर से कहा गया है कि इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि चीन समेत अन्य देश भारत के आंतरिक विषयों पर टिप्पणी करने से बचेंगे और भारत की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करेंगे.