नई दिल्ली: देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस अपने पैर पसार चुका है. सबसे ज्यादा महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल और तेलंगाना प्रभावित है. इस बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को आश्वासन दिया है कि वो उनकी शत प्रतिशत मदद करने को तैयार है.
15 हजार करोड़ की सहायता का ऐलान
केंद्र सरकार ने 15 हजार करोड़ रुपये की विशेष सहायता का ऐलान किया है. इस फंड की मदद से राज्य सरकारें एन-95 मास्क, वेंटिलेटर, पीपीई, एम्बुलेंस और दवाइयां खरीदने से लेकर अस्पतालों और टेस्टिंग लैब अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के उन्नयन के लिए कर सकती हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को ही ऐलान किया था कि इस लड़ाई में उनकी सरकार सभी राज्यों के साथ हमेशा खड़ी रहेगी.
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7774 करोड़ रुपये के इस्तेमाल राज्य सरकारें कर सकती हैं
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि इसके बारे में गुरूवार को ही सभी राज्यों को अवगत करा दिया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इस पैकेज में से लगभग आधे 7774 करोड़ रुपये के इस्तेमाल राज्य सरकारें तत्काल कोरोना से लड़ने के लिए आपातकालीन सेवाओं पर कर सकती हैं. बाकि शेष राशि का इस्तेमाल एक से चार साल के बीच राज्यों में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर आधारभूत संरचना तैयार करने पर किया जाएगा.
मरीजों को सम्पूर्ण इलाज की सुविधा देने को तत्पर मोदी सरकार
केंद्र की मोदी सरकार का उद्देश्य यह है कि धन के अभाव में किसी भी राज्य में कोरोना के मरीजों के इलाज में कोई कमी नहीं रहे और इसके फैलने से रोकने की तैयारियों पर कोई असर नहीं हो लेकिन इसका दूरगामी उद्देश्य राज्यों में अस्पताल व लेबोटेरी समेत स्वास्थ्य सेवाओं की ऐसी आधारभूत संरचना का निर्माण करना है ताकि भविष्य में इस तरह की समस्याओं से आसानी से निपटा जा सके.
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को ही ऐलान किया था कि केंद्र सरकार कोरोना से लड़ाई के लिए 15 हजार करोड़ रुपये से इसकी टेस्टिंग से लेकर इलाज तक पूरी संरचना का निर्माण करेगी.