नई दिल्लीः भारत ने अप्रत्याशित तौर पर देशव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान चला कर देश भर में 34 लाख से अधिक लोगों की जान बचाई है. स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गयी है. स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को इस संबंध में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और इंस्टिच्यूट फॉर कंपीटिटिवनेस की ‘‘अर्थव्यवस्था पर मलहम : भारत के टीकाकरण एवं अन्य मुद्दों पर आर्थिक प्रभाव का आकलन’’ विषय पर शुरूआती रिपोर्ट जारी की.


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अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा सकारात्मक असर
शुरूआती रिपोर्ट (वर्किंग पेपर) में कहा गया है कि कोविड टीकाकरण अभियान का अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर हुआ है और इससे 18.3 अरब डालर की बचत हुयी है. मांडविया ने कहा कि जनवरी 2020 में कोविड-19 को विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से वैश्विक महामारी घोषित किये जाने से बहुत पहले ही इसके प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर समर्पित रूप से ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गयी थी.


टीकाकरण और संबंधित मामलों पर आर्थिक प्रभाव संबंधी ‘द इंडिया डायलॉग’ को को मांडविया ऑनलाइन तरीके से संबोधित कर रहे थे . मंत्री ने कहा, ‘‘माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने ‘संपूर्ण सरकार’ और ‘संपूर्ण समाज’ दृष्टिकोण को एक सक्रिय, पूर्वव्यापी और श्रेणीबद्ध तरीके से अपनाया . इस तरीके से कोविड-19 के प्रभावी प्रबंधन के लिए एक समग्र रणनीति अपनायी गयी.


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संवाद सत्र का आयोजन इंस्टिच्यूट फॉर कंपीटिटिवनेस एवं स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के अमेरिका-एशिया प्रौद्योगिकी प्रबंध केंद्र की ओर से किया गया था . इसमें कहा गया है कि अप्रत्याशित तरीके से राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान चला कर भारत ने देश में 34 लाख से अधिक लोगों की जान बचायी है . इसमें कहा गया है कि टीकाकरण अभियान हमेशा जीवन बचाने के लिये था. इस अभियान का अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक असर पड़ा है और इसने 18.3 अरब डालर का नुकसान होने से बचाया है . 


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