भारतीय सेना में Transgenders को भर्ती करने पर विचार, इन देशों में पहले से सीमा पर हैं तैनात
Transgenders in Indian Army: PPOC की बैठक में तीनों सेनाओं के शीर्ष अधिकारियों की मौजूद थे थे, इसमें भारतीय सेना में ट्रांसजेंडर्स को भर्ती करने पर विचार किया गया. इसके बाद एक कमेटी का भी गठन किया गया था.
नई दिल्ली: Transgenders in Indian Army: भारतीय सेना में ट्रांसजेंडर्स को भर्ती करने पर विचार किया जा रहा है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधान कार्मिक अधिकारी समिति (PPOC) ने अगस्त में एक कमेटी बनाई थी. इस समूह को आगे का रास्ता सुझाने की जिम्मेदारी दी गई थी. PPOC की बैठक में तीनों सेनाओं के शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी रही थी. लिहाजा, माना जा रहा है कि यदि ट्रांसजेंडर्स को सेना में भर्ती की अनुमति मिलती है, तो तीनों सेनाओं में उनकी एंट्री होगी.
'कोई रियायत नहीं दी जाए'
कई निदेशालयों ने कमेटी तक अपने विचार पहुंचाए हैं. इसमें कहा गया है कि ट्रांसजेंडर्स को कठिन ट्रेनिंग या पोस्टिंग में कोई रियायत नहीं देनी चाहिए. एक्सपर्ट्स का कहना है सेना में शामिल होने पर डॉक्यूमेंट्स में उनके शादीशुदा पार्टनर्स को किस तौर पर पहचाना जाएगा. साथ ही अन्य सैनिकों से उनका कल्चरल रिलेशन कैसे स्थापित किया जाएगा, इस पर भी विचार करना आवश्यक है.
इन देशों में हो रही भर्ती
कई देशों में ट्रांसजेंडर्स पहले से सेना में कार्यरत हैं. चेक रिपब्लिक, डेनमार्क, इस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बोलिविया, कनाडा, आयरलैंड, इजरायल, नीदरलैंड्स, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, स्पेन, स्वीडन और यूनाइटेड किंगडम में ट्रांसजेंडर्स को सेना में पहले से भर्ती किया जा रहा है. क्यूबा और थाइलैंड में भी ट्रांसजेंडर्स की भर्तियां हो रही हैं, लेकिन ये कुछ ही विभागों तक सीमित है.
इस देश में पहली बार हुई भर्ती
बता दें कि साल 1974 में पहली बार नीदरलैंड्स में थर्ड जेंडर को मिलिट्री में जगह दी गई थी. जबकि अमेरिका में ओबामा के राष्ट्रपति रहते हुए 2016 में ट्रांसजेंडर्स की मिलिट्री में भर्ती शुरू की गई थी. इसके बाद ट्रंप ने इस पर रोक लगा दी थी.
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