नई दिल्ली.   भारत के वैश्विक कद का चीन को एहसास होना चाहिए, पीएम मोदी का भारत नेहरू का भारत नहीं है, ये भी पता होना चाहिए शी जिंग पिंग को. बीस भारतीय जवानों पर 15 जून की रात का कायराना चीनी हमला भारत भूलेगा नहीं, भारत का यह रोष इस शत्रु राष्ट्र को महसूस होना चाहिए और स्मरण भी रहना चाहिये.


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विदेश मंत्री का चीन को कड़ा संदेश 


भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने रोष से चीन को अवगत करा दिया है. विदेश मंत्री के कड़े संदेश में चीन ने भारत के आक्रोश को भी अनुभव किया होगा. भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने को कड़ा सन्देश देते हुए कहा है कि गलवान में जो कुछ हुआ वह चीन के द्वारा पूर्व नियोजित था.


पीएम मोदी की चीन को अपरोक्ष चेतावनी 


वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पंद्रह जून की रात चीन के धोखे से किये गए हमले में वीरगति को प्राप्त हुए भारतीय जवानों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश के इन जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. उनहोंने आगे कहा कि 'मैं देश को इस बात के लिए आश्वासन देता हूं. हमारे लिए देश की एकता और अखंडता सर्वोपरि है. भारत शांति का समर्थक है किन्तु माकूल जवाब देने की सामर्थ्य रखता है. पीएम मोदी के सन्देश में अंतर्निहित चेतावनी चीन को भली भांति समझ आई है. 


चीन की तरफ से पीछे हटने का आश्वासन मिला 


न केवल भारत की सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया का यह परिणाम है बल्कि चीन ने गलवान घाटी में भारत के जवानों के पराक्रम का जो स्वाद चखा है, उसका भी असर ये हुआ की चीन ने आश्वासन दिया है कि  वह यथाशीघ्र पीछे हटने और तनाव कम करने का प्रयास करेगा.