Budget 2024: क्यों गोपनीय रखा जाता है बजट? जानें पहली बार जब लीक हुआ था तो क्या हुआ था
Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज लोकसभा में बजट 2024 पेश करने जा रही हैं. यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतरिम बजट होगा. बहरहाल, क्या आपको पता है कि बजट पेश होने से पहले यह लीक न हो इसे लेकर इतनी सुरक्षा क्यों बरती जाती है और जब भारत का बजट लीक हुआ था तो क्या हुआ था? आइए जानते हैं.
नई दिल्लीः Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज लोकसभा में बजट 2024 पेश करने जा रही हैं. यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतरिम बजट होगा. इसे लेकर देश की जनता कई तरह की उम्मीदें कर रही हैं. हालांकि, निर्मला सीतारमण ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि इस बजट में कुछ विशेष घोषनाएं होने वाली नहीं हैं. बहरहाल, क्या आपको पता है कि बजट पेश होने से पहले यह लीक न हो इसे लेकर इतनी सुरक्षा क्यों बरती जाती है और जब भारत का बजट लीक हुआ था तो क्या हुआ था? आइए जानते हैं.
आइबी के एजेंट रखते हैं पैनी नजर
भारत में बजट बहुत गोपनीय चीज है. इसमें मौजूद सभी बातों को बजट पेश होने से पहले बहुत गोपनीय रखा जाता है. बजट निर्माण के दौरान वित्त मंत्री के दफ्तर नॉर्थ ब्लॉक की सुरक्षा काफी ज्यादा बढ़ा दी जाती है. इस दौरान भारत की खुफिया एजेंसी आईबी के एजेंट पूरे ब्लॉक और बजट निर्माण कार्य में लगे लोगों के हर एक हरकतों पर नजर रखते हैं. बजट तैयार करने वाली टीम और उनके परिवार के हर एक गतिविधियों पर बारीक नजर रखी जाती है.
जमाखोरों और कर चोरों को मिल सकती है मदद
एक्सपर्ट की मानें, तो बजट पेश होने से पहले यदि उसमें लिखी बातें लीक हो गईं, तो इससे जमाखोरों और कर चोरों को मदद मिल सकती है. भारत में बजट को हमेशा से गोपनीय रखा जाता रहा है. इसको लेकर कई बार बहस भी चलती रहती है कि बजट को लेकर जिस तरह की गोपनीयता बरती जाती है, वह फिजूल है, इससे बाजार में डर पैदा होता है.
ह्यूग डाल्टन को देना पड़ा था इस्तीफा
बता दें कि आजाद भारत का पहला ही बजट, जिसकी घोषणा 26 नवंबर 1947 को तत्कालीन वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी ने की थी, उसके पेश होने से पहले ही बजट की कुछ बातें ब्रिटेन के राजकोष के चांसलर ह्यूग डाल्टन के द्वारा एक पत्रकार को दे दी गई थी. यह जानकारी भारत सरकार द्वारा टैक्स में परिवर्तन को लेकर थी. इस जानकारी के लीक होने के बाद मामला इतना तूल पकड़ा कि डाल्टन को तुरंत प्रभाव के साथ अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ गया था.
1950 में दूसरी बार लीक हुआ था बजट
इसके बाद साल 1950 में भी बजट का कुछ हिस्सा लीक हो गया था. तब जॉन मथाई वित्त मंत्री थे और बजट की छपाई राष्ट्रपति भवन में होने वाली थी, लेकिन इसके लीक होते ही बजट की छपाई राष्ट्रपति भवन के बजाय नई दिल्ली के मिंटो रोड में ट्रांसफर कर दी गई थी. तब से लेकर अभी तक बजट को काफी सुरक्षित रखा जाता है और इसके बनने से लेकर पेश होने तक इसमें शामिल अधिकारियों के हर एक सदस्यों की हरकतों पर पैनी नजर रखी जाती है.
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