गुवाहाटीः असम में शुक्रवार को मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई हैं. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के मद्देनजर 10 दिन पहले यहां इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई थी. गुवाहाटी हाई कोर्ट ने गुरुवार शाम 5 बजे तक इंटरनेट सेवा बहाल करने का आदेश दिया था लेकिन राज्य सरकार ने मोबाइल इंटरनेट प्रदाताओं को अदालत का आदेश लागू करने का कोई निर्देश जारी नहीं किया था.


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निजी सेवा प्रदाता एयरटेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'हमें राज्य सरकार से इस प्रतिबंध को जारी रखने के संबंध में कोई सूचना नहीं मिली इसलिए हमने अपने ग्राहकों की सेवा बहाल कर दी. सरकारी सेवा प्रदाता बीएसएनएल के अलावा रिलायंस जिओ और वोडाफोन ने भी अपनी सेवाएं बहाल कर दी है.


11 दिसंबर को बंद किया गया था इंटरनेट
हिंसक घटनाओं को देखते हुए 11 दिसंबर की शाम से मोबाइल और ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा रद्द कर दी गई थी. राज्य में 17 दिसंबर को ब्रॉडबैंड सेवा बहाल की जा चुकी है. असम के वित्त मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने गुरुवार की शाम को कहा था कि मोबाइल इंटरनेट सेवा शुक्रवार को बहाल कर दी जाएगी. इससे पहले गुवाहाटी हाई कोर्ट ने असम सरकार को निर्देश दिया था कि वह गुरुवार शाम में 5 बजे तक इंटरनेट सेवा बहाल करे.


हालिया इतिहास में सबसे हिंसक प्रदर्शन
मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल होने के बाद लोगों के मोबाइल फोन पर वॉट्सऐप और सोशल मीडिया के माध्यम से सूचनाएं आने लगीं. एक सोशल मीडिया यूजर ने बताया, 'मेरे फोन पर संदेशों की ऐसी बाढ़ सी आई हुई है कि फोन कई बार हैंग हो गया और रिस्टार्ट करना पड़ा. संशोधित नागरिकता कानून को लेकर असम में हालिया इतिहास में सबसे हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गया था.



यहां तीन रेलवे स्टेशनों, डाक घरों, बैंकों, बस टर्मिनलों, दुकानों और दर्जनों वाहनों को या तो क्षतिग्रस्त किया गया या आग के हवाले कर दिया गया था. राज्य में पिछले सप्ताह हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई.