नई दिल्ली: Bejnamin Netanyahu: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की परेशानियां बढती ही जा रही हैं. एक तो देश युद्ध की मार झेल रहा है, ऊपर से उनके खिलाफ कोर्ट ने 4 मुकदमे फिर से खोलने का फैसला किया है. इजरायली कोर्ट ने नेतन्याहू के खिलाफ चल रहे एक रिश्वत और 3 धोखाधड़ी के मामलों पर फिर से सुनवाई शुरू कर दी है. हालांकि, नेतन्याहू के वकीलों का कहना है कि फिलहाल युद्ध चल रहा है, इसलिए इन मामलों की सुनवाई को स्थगित कर दें. 


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75% आबादी बोली- इस्तीफा हो
इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू की पार्टी भी बुरे दौर से गुजर रही है. गठबंधन में भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हाल ही में हुए एक सर्वे में इजरायल की 75% आबादी ने मत रखा है कि नेतन्याहू को युद्ध खत्म होते ही इस्तीफा दे देना चाहिए. 


गठबंधन के साथी नेतन्याहू से क्यों नाराज?
दरअसल, गठबंधन की पार्टियों का मत है कि युद्ध खत्म होने के बाद इजरायली सेना को स्थाई तौर पर गाजा पट्टी में रहने दिया जाए. हालांकि, अमेरिका पहले ही कह चुका है कि युद्ध समाप्ति के बाद गाजा में फिलिस्तीन की ही सरकार होगी. 


अहम फैसलों में नेतन्याहू की भूमिका कम 
यह दावा किया जा रहा था कि पीएम नेतन्याहू ही युद्ध और IDF (इजरायली डिफेंस फोर्सेज) से जुड़े फैसले ले रहे हैं. लेकिन अब अधिकारियों ने एक स्पष्टीकरण जारी किया है, उन्होंने कहा है कि IDF से जुड़े फैसले रक्षा मंत्री योएव गैलेंट ही लेते हैं. माना जा रहा है कि हाल ही में इजरायली सेना द्वारा लिए गए दो अहम फैसलों में नेतन्याहू की कोई भूमिका नहीं थी. इसमें संघर्ष विराम और गाजा पर कार्रवाई का समय निर्धारित करने का फैसला शामिल है. 


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