नई दिल्लीः भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का अगले पांच साल में भू-खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए 50 उपग्रहों को प्रक्षेपित करने का लक्ष्य है. इनमें सैनिकों की आवाजाही पर नजर रखने और हजारों किलोमीटर क्षेत्र की तस्वीरें लेने की क्षमता के साथ विभिन्न कक्षाओं में उपग्रहों की एक परत का निर्माण शामिल होगा.


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ये बातें इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने बृहस्पतिवार को मुंबई में कहीं. वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), बंबई के वार्षिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी समारोह ‘टेकफेस्ट’ को संबोधित कर रहे थे.


उपग्रहों की क्षमता बढ़ाना अहम
उन्होंने कहा कि बदलावों का पता लगाने, आंकड़ों के विश्लेषण के लिए AI से संबंधित और डेटा आधारित प्रयासों के मामले में उपग्रहों की क्षमता बढ़ाना अहम है. उन्होंने कहा कि एक मजबूत राष्ट्र बनने की भारत की आकांक्षा को साकार करने के लिए इसके उपग्रह बेड़े का वर्तमान आकार पर्याप्त नहीं है और इसे 'आज की क्षमता के मुकाबले दस गुना' होना चाहिए. 


अंतरिक्षयान पड़ोसी क्षेत्रों पर नजर रखने में सक्षम
उन्होंने कहा कि अंतरिक्षयान देश की सीमाओं और पड़ोसी क्षेत्रों पर नजर रखने में सक्षम हैं. सोमनाथ ने कहा, 'यह सब उपग्रहों से देखा जा सकता है. हम इसे संभालने के लिए उपग्रह प्रक्षेपित कर रहे हैं, लेकिन अब सोचने का एक अलग तरीका है और हमें इसे और अधिक महत्वपूर्ण तरीके से देखने की जरूरत है क्योंकि (किसी भी) राष्ट्र की शक्ति उसकी यह समझने की क्षमता है कि उसके आसपास क्या हो रहा है.'


इसरो प्रमुख ने कहा, 'हमने अगले पांच वर्षों में 50 उपग्रहों को अंतिम रूप देने के लिए उनका संयोजन कर लिया है और इसे अगले पांच वर्षों से अधिक समय में इस विशेष भू-खुफिया जानकारी संग्रह में सहायता के लिहाज से भारत के लिए भेजा जा रहा है.' सोमनाथ ने कहा कि अगर भारत इस स्तर पर उपग्रहों का प्रक्षेपण कर सकता है तो देश के सामने आने वाले खतरों को बेहतर तरीके से कम किया जा सकता है.


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