दोबारा प्रयोग होने वाले प्रक्षेपण यान के पहले रनवे लैंडिग प्रयोग के लिए इसरो तैयार, मौसम पर रखी जा रही नजर
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि हम मौसम पर नजर रख रहे हैं. मौसम अभी सही नहीं है. इसलिए हम इंतजार कर रहे हैं कि हवा और अन्य प्रणालियां अनुकूल हो जाएं. हम यह करेंगे.
नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) दोबारा से इस्तेमाल होने वाले प्रक्षेपण यान (launch vehicle) टेक्नोलॉजी डिमॉन्सट्रेटर (RLV-TD) के पहले रनवे लैंडिंग प्रयोग (RLV-LEX) के लिए तैयार है. इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने यह संकेत देते हुए कहा है कि मौसम पर नजर रखी जा रही है. इसरो का यह प्रयोग कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में स्थित अंतरिक्ष परीक्षण रेंज से किया जाएगा.
क्या कहा ISRO के अध्यक्ष ने
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि हम मौसम पर नजर रख रहे हैं. मौसम अभी सही नहीं है. इसलिए हम इंतजार कर रहे हैं कि हवा और अन्य प्रणालियां अनुकूल हो जाएं. हम यह करेंगे. इसरो के अधिकारियों के अनुसार, आरएलवी विंग बॉडी को एक हेलीकॉप्टर की मदद से तीन से पांच किलोमीटर की ऊंचाई पर ले जाया जाएगा और क्षैतिज वेग के साथ रनवे से करीब चार से पांच किलोमीटर पहले छोड़ा जाएगा.
क्या कहा इसरो के अधिकारियों ने
इसरो अधिकारियों के अनुसार छोड़े जाने के बाद आरएलवी उड़ान भरेगा, रनवे की तरफ आएगा और चित्रदुर्ग के पास रक्षा विभाग के एक क्षेत्र में लैंडिंग गियर के साथ स्वत: ही उतरेगा. मिली जानकारी के अनुसार इसमें लैंडिंग गियर, पैराशूट, हुक बीम असेंबली, रडार अल्टीमीटर और सियुडोलाइट जैसी नयी प्रणालियां विकसित की गयी हैं. इसरो ने अपने पहले आरएलवी-टीडी एचईएएक्स-01 (हाइपरसोनिक फ्लाइट एक्सपेरिमेंट-01) मिशन को 23 मई, 2016 को एसडीएससी एसएचएआर के साथ भेजा था तथा डिजाइन तथा परीक्षण के लिए महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया था.
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