Rajya Sabha Proceeding: राज्यसभा में शुक्रवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET में अनियमितताओं पर चर्चा की मांग की. इस दौरान बात काफी आगे तक बढ़ गई. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सहित विपक्षी सांसदों के सदन के वेल में आने पर नाराजगी जताई.


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उपराष्ट्रपति धनखड़ ने सदन को बताया, 'आज भारतीय संसद के इतिहास में ऐसा दागी दिन है कि विपक्ष के नेता खुद वेल में आ गए. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. मैं दुखी हूं, स्तब्ध हूं. भारतीय संसदीय परंपरा इस हद तक खराब हो जाएगी कि विपक्ष के नेता वेल में आ जाएंगे, उपनेता वेल में आ जाएंगे.'


उन्होंने कहा, 'पार्टी के उपनेता प्रमोद तिवारी भी अंदर आए और वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक भी अंदर आए. यह मेरे लिए बहुत दुखदायी क्षण था. हम उम्मीद करते हैं कि विपक्ष के नेता और सदन के नेता अपने आचरण का अनुकरण करेंगे.'


खड़गे के वेल में आने पर टिप्पणी करते हुए राज्यसभा के सभापति ने कहा, 'वह (खड़गे) वेल में आए जिसे पूरे सदन ने देखा. लेकिन मेरे लिए इससे भी अधिक दुखद और दुखदायी बात यह है कि उन्होंने बाहर आकर गलत रिपोर्टिंग की, गलत बयान दिया और असत्य बोला... वह इनकार की मुद्रा में हैं और उनका बयान जो X पर डाला गया है... स्वयं विरोधाभासी है.'



राज्यसभा में दिन में कई बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी, क्योंकि विपक्षी भारतीय ब्लॉक के सांसदों ने एनईईटी विवाद पर तत्काल चर्चा की मांग करते हुए नारे लगाए.


कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे का स्पष्टीकरण
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उपराष्ट्रपति की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, 'यह उनकी (राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की) गलती है...मैं उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए अंदर गया था. लेकिन तब भी वे नहीं देख रहे थे...मैं ध्यान आकर्षित कर रहा था. वे केवल सत्ताधारी पार्टी की ओर देख रहे थे. जब मैं नियमों के अनुसार उनका ध्यान आकर्षित करता हूं, तो उन्हें मेरी ओर देखना चाहिए, लेकिन इसके बजाय, उन्होंने जानबूझकर मेरा अपमान करने के लिए मुझे अनदेखा कर दिया.'


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