पटना. केंद्र सरकार में मंत्री और बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की. दरअसल नीतीश कुमार के साथ मांझी की कभी नजदीकी, तो कभी दूरी रही है. उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के दबाव के विरोध में JDU से नाता तोड़ते हुए 2015 में अपनी पार्टी ‘हम’ बनाई थी.


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हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख मांझी अपनी पार्टी के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. दरअसल 2015  में मुख्यमंत्री पद पर नीतीश कुमार की वापसी के लिए मांझी पर इस पद से हटने के लिए कथित तौर पर दबाव डाला गया था. अब पार्टी के कार्यक्रम में मांझी ने कहा-जब मैंने पार्टी बनाई थी, तब नीतीश कुमार ने मेरा मजाक उड़ाया था. उनका सोचना था कि मैं संगठन नहीं चला पाऊंगा क्योंकि मेरे पास वित्तीय सहारा नहीं था. वर्षों बाद, ऐसा प्रतीत होता है कि हम और अधिक मजबूत होते जा रहे हैं.


2020 में मांझी और नीतीश ने मिलाया था
बता दें कि 2015 के बाद एक बार मांझी और नीतीश कुमार हाथ भी मिला चुके हैं. मांझी ने 2020 में कुछ समय के लिए कुमार से हाथ मिलाया था और उनके बेटे संतोष सुमन को नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में मंत्री पद मिला था. मांझी ने पिछले साल हुए प्रकरण को याद करते हुए कहा-मुझे नीतीश कुमार ने मेरी पार्टी का जदयू में विलय कर लेने या अलग हो जाने को कहा था.


दरअसल मांझी भी बीजेपी की अगवाई वाले एनडीए छोड़ दिया था और बाद में फिर NDA के साथ हो गए थे. इसके फलस्वरूप संतोष सुमन मंत्रिपद बरकरार रख पाए थे  मांझी ने कहा-हमारी पार्टी का एक भी कार्यकर्ता विलय के पक्ष में नहीं था. हमने सभी से संपर्क करने के बाद अलग होने का निर्णय लिया. तब सुमन ने विलय के दबाव के विरोध में राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. मांझी ने उनके बेटे की मंत्रिपरिषद में वापसी का समर्थन करने के लिए NDA को भी धन्यवाद दिया.


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