नई दिल्लीः झारखंड में नवगठित चंपई सोरेन सरकार के विधानसभा में विश्वास मत का सामना करने से एक दिन पहले रविवार को झामुमो के वरिष्ठ नेता लोबिन हेम्ब्रम ने दावा किया कि गलत सलाहकारों से घिरे रहने के चलते हेमंत सोरेन को जेल जाना पड़ा. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को धनशोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार रात यहां गिरफ्तार किया था. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कौन हैं हेम्ब्रेम
साहेबगंज जिले की बोरियो सीट से विधायक हेम्ब्रम ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हेमंत सोरेन ने बार-बार मेरी सलाह को नजरअंदाज किया और आखिरकार जेल गए... वह हमेशा गलत सलाहकारों से घिरे रहे.’’ हेम्ब्रम ने हेमंत सोरेन की मौजूदा स्थिति के लिए सीधे तौर पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के सलाहकारों के अलावा उनके निजी और मीडिया सलाहकारों को जिम्मेदार ठहराया. 


विधायकों को भेजने पर भी विरोध किया
उन्होंने झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा विधायकों को हैदराबाद भेजने के कदम पर भी आपत्ति जताई. हेम्ब्रम ने ऐसे समय में इस तरह के खर्च पर नाराजगी व्यक्त की जब झारखंड की बड़ी आबादी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए भी संघर्ष कर रही है. उन्होंने छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम और संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम लागू करने की भी मांग की. 


दोनों अधिनियम आदिवासी भूमि को गैर-आदिवासियों को बेचने पर रोक लगाते हैं. हेम्ब्रम ने राज्य में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की. चंपई सोरेन सरकार के विधानसभा में विश्वास मत का सामना करने के दौरान उपस्थित होने के बारे में पूछे जाने पर हेम्ब्रम ने कहा कि वह सरकार का समर्थन करेंगे.


बता दें कि झारखंड की राजनीति इस वक्त दिलचस्प बनी हुई है. हेमंत ईडी की हिरासत में है और चंपई सोरेन को अपना बहुमत स्पष्ट करना है. इसको लेकर रस्साकसी चल रही है. देखना होगा कि आखिर चंपई सोरेन कितने विधायकों के साथ अपना बहुमत दिखाते हैं.


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.