नई दिल्लीः जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय  (JNU) के कुलपति एम. जगदेश कुमार (M. Jagadesh Kumar) ने शनिवार को आरोप लगाया कि परिसर में कुछ छात्रों ने उन पर हमला किया. उन्होंने कहा कि, मैं स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड एस्थेटिक्स, जेएनयू का दौरा करने गया था, जहां लगभग 10-15 छात्रों ने मुझे घेर लिया था. वे मुझ पर हमला करने के मूड में थे और मुझे खींचकर नीचे गिराने की कोशिश कर रहे थे. सौभाग्य से, सुरक्षाकर्मियों ने मुझे उनसे बचाया. इस दौरान उनकी कार पर भी हमला किया गया.



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छात्रों के साथ बैठक रही थी बेनतीजा
हॉस्टल फीस के मुद्दे पर जेएनयू के स्टूडेंट्स एक महीने से ज्यादा वक्त से प्रदर्शनरत है. उनकी मांगों को देखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक पैनल का भी गठन किया. उधर, गुरुवार को प्रदर्शनकारी छात्रों की ओर से प्रशासनिक ब्लॉक पर कब्जे के बाद पहली बार अपने कार्यालय आए कुलपति ने 18 छात्रावासों के अध्यक्षों के साथ बैठक की, लेकिन यह बैठक बेनतीजा रही.



दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को पुलिस को निर्देश दिया था कि गुरुवार को कुलपति, रजिस्ट्रार और अन्य अधिकारियों के प्रशासनिक ब्लॉक में आने पर पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाएॉ. 


पिछले दिनों भी छात्रों की अमानवीयता आई थी सामने
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्र नए हॉस्टल मैनुअल (Hostel Manual) के खिलाफ पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि नए मैनुअल में बढ़ाए गए फीस को वापस लिया जाए. इसी को लेकर विश्वविद्यालय (University) के छात्रों ने संसद भवन तक मार्च करने का ऐलान किया था. छात्रों ने पुलिस पर बर्बरता का आरोप लगाया था. दूसरी ओर छात्रों की ओर से भी अमानवीयता की तस्वीरें सामने आईं थीं.  



आरोप है कि पुलिस ने कई छात्रों को बुरी तरह से पीटा था. अब इन छात्रों को शिवसेना (Shiv Sena) का भी साथ मिल गया है. शिवसेना ने छात्रों पर हुए लाठीचार्ज को अमानवीय करार दिया है और कहा है कि दिल्ली में कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है.


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अभी तक वापस नहीं ली गई नई छात्रावास नियमावली
जेएनयू के छात्रों का कहना है कि वह करीब एक महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन अभी तक नई छात्रावास नियमावली वापस नहीं की गई. छात्रों ने बताया कि उनकी पढ़ाई का नुकसान हो रहा है और इसके लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन जिम्मेदार है. छात्रों ने कुलपति एम. जगदीश कुमार को हटाने और सेमेस्टर बढ़ाने की भी मांग की है.


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