जोशीमठ: भू-धंसाव ग्रस्त जोशीमठ को बचाने की मांग को लेकर आपदा पीड़ितों ने शुक्रवार को यहां 'आक्रोश रैली' निकाली. 'जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति' के आह्वान पर इस रैली में शामिल होने के लिए सैकड़ों लोग सड़क पर उतरे और तपोवन विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना को बंद करने तथा बद्रीनाथ महायोजना की तर्ज पर मुआवजा देने सहित कई मांगों के समर्थन में नारेबाजी की. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

स्थायी पुनर्वास सहित सरकार के सामने रखी ये मांगें


तपोवन टैक्सी स्टैंड से शुरू हुई यह रैली जोशीमठ की मुख्य सड़क पर सिंहधार वार्ड में स्थित वेद वेदांग मैदान में सभा के रूप में एकत्रित हुई. संघर्ष समिति के प्रवक्ता कमल रतूड़ी ने कहा कि जोशीमठ नगर को बचाने के लिए जिस गति से कार्य किया जाना चाहिए था, वह अभी भी नहीं हो रहा है. 


उन्होंने कहा, ‘‘स्थायी पुनर्वास, बद्रीनाथ महायोजना की तर्ज पर क्षतिग्रस्त संपत्ति की क्षतिपूर्ति, एनटीपीसी की निर्माणाधीन 520 मेगावाट तपोवन विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना का कार्य स्थायी रुप से बंद किए जाने जैसे मसले अभी भी अनसुलझे हैं.’’ 


250 परिवार घर छोड़कर शिविरों में रहने को मजबूर


उधर, देहरादून में आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में अग्रिम राहत के तौर पर 224 प्रभावित परिवारों को 3.84 करोड़ रुपये की धनराशि वितरित कर दी गई है जबकि सर्वेंक्षण में दरारों वाले भवनों की संख्या 863 में और बढोतरी नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि जोशीमठ की जेपी कॉलोनी में अज्ञात भूमिगत स्रोत से निकलने वाले पानी का रिसाव घटकर 171 लीटर प्रति मिनट रह गया है. 


छह जनवरी को भू-धंसाव की शुरुआत में यह 540 लीटर प्रति मिनट था. सचिव ने बताया कि 250 परिवारों के 902 सदस्य अस्थायी राहत शिविरों में रह रहे हैं जबकि 39 प्रभावित परिवार रिश्तेदारों के पास या किराए के घरों में चले गए हैं. 


यह भी पढ़िए: Delhi University: फुटपाथ पर जूते पॉलिश कर रहे डीयू के प्रोफेसर, जानें क्या है कारण?



Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.