कंझावला कांड: छठा आरोपी और गाड़ी का मालिक आशुतोष गिरफ्तार, पुलिस को जांच में एक आरोपी मिला बेगुनाह
अंजलि की मौत मामला : दिल्ली के कंझावला कांड के छठें आरोपी आशुतोष को पुलिस ने गुरुवार की रात गिरफ्तार कर लिया. दिल्ली पुलिस अंजलि सिंह की मौत के मामले में आरोपी पांचों लोगों को हरियाणा के मुरथल ले जाएगी और क्राइम सीन को रीक्रिएट करने के लिए 50 अन्य लोगों के साथ उनका सामना कराएगी.
नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस ने शहर के कंझावला इलाके में कार से युवती को टक्कर मारने के बाद वाहन से घसीटने से हुई मौत के मामले में एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है. एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने आरोपी की पहचान आशुतोष के तौर पर की है. वह इस मामले में गिरफ्तार किया गया छठवां व्यक्ति है. उधर दिल्ली पुलिस अंजलि सिंह की मौत के मामले में आरोपी पांचों लोगों को हरियाणा के मुरथल ले जाएगी और क्राइम सीन को रीक्रिएट करने के लिए 50 अन्य लोगों के साथ उनका सामना कराएगी.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी 31 दिसंबर की शाम सात बजे घर से निकले थे और रात दो बजे तक सड़कों पर घूमते रहे और इसलिए उस दुर्भाग्यपूर्ण रात में मिले लोगों से उनका सामना कराना जरूरी है. विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) सागर प्रीत हुड्डा ने कहा, ‘‘सुल्तानपुरी मामले में छठवें आरोपी आशुतोष को गिरफ्तार किया गया है, जिसने पुलिस को गलत जानकारी दी थी. आगे की जांच चल रही है.’’ इस मामले में पहले गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपियों ने कथित तौर पर आशुतोष से कार ली थी. बृहस्पतिवार को पुलिस ने कहा था कि वह दो संदिग्धों की तलाश कर रही है, जो कथित तौर पर पांचों आरोपियों को बचाने में शामिल थे.
1 जनवरी को हुआ था हादसा
1 जनवरी की तड़के दिल्ली के बाहरी इलाके में कार द्वारा टक्कर मारने के बाद करीब 12 किमी तक घसीटने से 20 वर्षीय युवती अंजलि की दर्दनाक मौत हो गई थी.
पुलिस ने कहा कि मुरथल के सीसीटीवी फुटेज को स्कैन किया जाना बाकी है. इस मामले के दो अन्य आरोपी आशुतोष और अंकुश खन्ना अभी भी फरार हैं. इस बीच, पुलिस ने गुरुवार को मामले में दर्ज प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 201 (सबूतों को नष्ट करने) को भी शामिल कर लिया है. पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने सबूत नष्ट करने की कोशिश की, इसलिए एफआईआर में धारा 201 जोड़ी गई है.
शुरुआत में आईपीसी की धारा 304-ए (लापरवाही के कारण मौत) और 279 (तेजी से गाड़ी चलाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी. बाद में पीड़ित के परिवार के सदस्यों के विरोध के बाद पुलिस ने प्राथमिकी में आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और 120-बी (आपराधिक साजिश) को जोड़ा.
गुरुवार को एक स्थानीय अदालत ने पांचों आरोपियों की पुलिस हिरासत चार और दिनों के लिए बढ़ा दी. आरोपियों की पहचान दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्ण, मिट्ठू और मनोज मित्तल के रूप में हुई है. अमित (25) उत्तम नगर में एसबीआई कार्डस के साथ काम करता है, कृष्ण (27) स्पेनिश कल्चर सेंटर में काम करता है, मिथुन (26) नरैना में हेयरड्रेसर है, जबकि मनोज मित्तल (27) सुल्तानपुरी में राशन डीलर है, जो स्थानीय भाजपा नेता भी है.
क्या दीपक खन्ना बेगुनाह है
इसी क्रम में पुलिस की जांच में पहले से गिरफ्तार आरोपी दीपक खन्ना बेगुनाह पाया गया है. पुलिस के मुताबिक घटना के वक्त वह आरोपियों के साथ नहीं था. बल्कि उसके मोबाइल की लोकेशन अपने घर की मिली है. इस बात की पुष्टि उसके परिजनों और पड़ोसियों ने भी की है. जांच में पता चला है कि दीपक रविवार को पूरे दिन अपने घर पर रहा था.पुलिस के मुताबिक घटना के वक्त दीपक खन्ना आरोपियों के साथ नहीं था. बल्कि उसके मोबाइल की लोकेशन अपने घर की मिली है. इस बात की पुष्टि उसके परिजनों और पड़ोसियों ने भी की है.
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