हलाल मांस को `आर्थिक जिहाद` बताने वाले वरिष्ठ बीजेपी नेता नॉन वेज खाकर हनुमान मंदिर गए, बवाल
मांस खाकर मंदिर जाने को लेकर विवाद हो गया है. बीजेपी नेता पर मांस खाकर हनुमान मंदिर जाने का आरोप लगा है. यह वही बीजेपी नेता हैं, जिन्होंने पिछले साल हलाल भोजन को आर्थिक जिहाद बताया था और दक्षिणपंथी हिंदू समूहों से `हलाल` मांस के बहिष्कार की अपील की थी.
नई दिल्लीः मांस खाकर मंदिर जाने को लेकर विवाद हो गया है. बीजेपी नेता पर मांस खाकर हनुमान मंदिर जाने का आरोप लगा है. यह वही बीजेपी नेता हैं, जिन्होंने पिछले साल हलाल भोजन को आर्थिक जिहाद बताया था और दक्षिणपंथी हिंदू समूहों से 'हलाल' मांस के बहिष्कार की अपील की थी.
बीजेपी विधायक सीटी रवि पर आरोप
दरअसल, कर्नाटक में भाजपा विधायक और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि के कथित तौर पर मांसाहारी भोजन करने के बाद मंदिरों में प्रवेश करने पर विवाद छिड़ गया है. उत्तर कन्नड़ जिले में भाजपा विधायक सुनील नाईक के आवास पर मांसाहारी भोजन करते रवि की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. वह शिवाजी जयंती में भाग लेने के लिए कारवार आए थे.
स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने साधा निशाना
आरोप है कि रवि ने भटकल शहर में नाग बाण और करिबंता हनुमान मंदिर में दर्शन किए थे. भटकल विधायक नाइक और मंदिरों के समिति सदस्य उनके साथ थे. रवि पर मंदिरों में मांसाहारी भोजन करने के बाद जाकर उनकी पवित्रता भंग करने का आरोप लगाया जा रहा है. इस मुद्दे को लेकर स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने भी उन पर निशाना साधा.
कांग्रेस नेता सिद्धारमैया पर भी लग चुके हैं आरोप
बीजेपी ने कांग्रेस नेता सिद्धारमैया के साथ 2018 के चुनावों के दौरान मांसाहारी भोजन करने के बाद मंदिर में प्रवेश करने की घटना को प्रमुख मुद्दा बनाया था और दावा किया था कि उन्हें परंपराओं के प्रति कोई संवेदनशीलता नहीं है.
'कांग्रेस की टूलकिट राजनीति का शिकार नहीं होऊंगा'
मौजूदा विवाद के बारे में रवि ने बुधवार को कहा है कि उनका पालन-पोषण पारंपरिक हिंदू परिवार ने किया है. उन्होंने कहा कि सिद्धारमैया के विपरीत, मैं यह कहने की हिम्मत नहीं कर सकता कि मैं मांसाहारी भोजन करके मंदिर में प्रवेश करूंगा. मैं कांग्रेस की टूलकिट राजनीति का शिकार नहीं होने जा रहा हूं.
पिछले साल मांस को लेकर दिया था ये बयान
बता दें कि मार्च 2022 में सीटी रवि ने कहा था कि हलाल आर्थिक जिहाद है. इसका अर्थ है कि इसका इस्तेमाल जिहाद की तरह किया जाता है, ताकि मुस्लिमों को अन्य लोगों के साथ व्यापार न करना पड़े. जब वे सोचते हैं कि हलाल मांस का इस्तेमाल होना चाहिए तो इसमें कहने में क्या गलत है कि इसका इस्तेमाल नहीं होना चाहिए.
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