नई दिल्लीः भारत और चीन ने बीजिंग में कूटनीतिक वार्ता में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर संघर्ष के शेष इलाकों से पीछे हटने के प्रस्तावों पर ‘खुले और रचनात्मक’ तरीके से चर्चा की . दोनों पक्षों ने जल्द ही किसी तिथि पर अगले दौर की सैन्य स्तर की वार्ता आयोजित करने पर सहमति जतायी, हालांकि इस बैठक में किसी तरह के समाधान निकलने के संकेत नहीं मिले हैं.
विदेश मंत्रालय ने दी ये जानकारी
विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों पक्षों ने बीजिंग में भारत चीन सीमा मामलों पर विचार विमर्श और समन्वय के कार्यकारी तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की आमने सामने की बैठक में इन प्रस्तावों पर चर्चा की. सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता कायम रखने के लिए वार्ता और समन्वय को लेकर वर्ष 2012 में डब्ल्यूएमसीसी की स्थापना की गई थी. बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने वर्तमान समझौते और प्रोटोकाल के तहत इस उद्देश्य को हासिल करने के लिये जल्द ही किसी तिथि को अगले (18वें) चरण की वरिष्ठ सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की.
कई महीनों से जारी है तनाव
मंत्रालय ने कहा, दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में भारत चीन सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति की समीक्षा की और शेष क्षेत्रों से पीछे हटने के प्रस्तावों पर खुले और रचनात्मक तरीके से चर्चा की जिससे इस सेक्टर में एलएसी पर शांति एवं स्थिरता कायम की जा सके और द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति की बहाली के लिए माहौल बनाया जा सके.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने सैन्य और राजनयिक माध्यमों से चर्चा जारी रखने पर सहमति व्यक्त की. इसमें कहा गया है कि 26वें चरण की भारत चीन सीमा मामलों पर विचार विमर्श और समन्वय के कार्यकारी तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की बैठक बीजिंग में 22 फरवरी 2023 को आमने सामने बैठकर हुई. जुलाई 2019 में हुई 14वीं बैठक के बाद यह पहली डब्ल्यूएमसीसी बैठक थी जो आमने-सामने हुई.
इसमें भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) ने किया . चीनी शिष्टमंडल का नेतृत्व चीनी विदेश मंत्रालय में सीमा और समुद्री मामलों के विभाग के महानिदेशक ने किया. इससे पहले 17वें दौर की वरिष्ठ सैन्य कमांडर स्तर की बैठक 20 दिसंबर को हुई थी लेकिन शेष मुद्दों के समाधान की दिशा में आगे बढ़ने के संकेत नहीं मिले थे.
बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया था कि बातचीत के दौरान दोनों पक्षों ने खुले और रचनात्मक तरीके से विचारों का आदान प्रदान किया ताकि प्रासंगिक मुद्दों का समाधान निकाला जा सके. डब्ल्यूएमसीसी की बीजिंग में बैठक ऐसे समय में हुई है जब एक सप्ताह बाद ही दिल्ली में जी20 समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक होने वाली है. चीन के विदेश मंत्री किन गांग के 1-2 मार्च को होने वाली बैठक में हिस्सा लेने की उम्मीद है.
ज्ञात हो कि पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पांच मई 2020 से ही पूर्वी लद्दाख में गतिरोध बना हुआ है. दोनों पक्ष कई दौर की वार्ता के बाद पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तटों और गोगरा क्षेत्र से पीछे हटे हैं.
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