श्रीनगर: हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की इससे बड़ी मिसाल देखने को नहीं मिलेगी. एक ओर कश्मीर में हिंदू टारगेट हो रहे हैं और उनकी हत्याएं हो रही हैं और वहीं दूसरी ओर हिंदुओं ने हज यात्रा से लौटे मुस्लिम भाइयों के स्वागत के लिए आरती की थाली लेकर पहुंच गए.


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सदियों पुरानी परंपरा 
भाईचारे और सह-अस्तित्व की सदियों पुरानी परंपरा को जीवित रखते हुए दर्जनों कश्मीरी पंडितों ने सऊदी अरब से लौटने पर श्रीनगर हवाईअड्डे पर हज यात्रियों के पहले जत्थे का 'आरती' के साथ स्वागत किया.


145 हज लौटे
कुल 145 हज यात्री शनिवार को वार्षिक तीर्थयात्रा कर घर लौटे और श्रीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर स्थानीय पंडितों ने उनका स्वागत किया.
तीर्थयात्रियों का स्वागत 'आरती' से किया गया, जिसके साथ 'नात' (इस्लाम के पैगंबर की स्तुति) थी.


1989 में घाटी में हिंसा भड़कने के बाद पहली बार स्थानीय पंडितों ने अपने मुस्लिम भाइयों हज यात्रियों का इस तरह के पारंपरिक अंदाज में स्वागत किया. श्रीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर अपने हिंदू भाइयों और बहनों द्वारा प्राप्त गर्मजोशी और स्नेह को देखकर तीर्थयात्रियों की खुशी और कृतज्ञता के आंसू छलक पड़े.


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