नई दिल्लीः सरकार से विभिन्न राहत उपायों की मांग को लेकर ‘किसान गर्जना’ रैली के लिए दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान जुटे हुए हैं. रैली के आयोजक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध भारतीय किसान संघ (बीकेएस) की तरफ से जारी एक नोट में कहा गया है, 'अगर सरकार ने समय पर किसानों की मांग पर ध्यान नहीं दिया तो उसे परेशानी का सामना करना पड़ेगा.' 


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देशभर से पहुंचे हैं किसान
इसमें कहा गया है कि देश भर से किसान बसों, ट्रैक्टरों और मोटरसाइकिलों से रामलीला मैदान पहुंच रहे हैं और लागत के आधार पर अपनी फसलों के लिए लाभकारी मूल्य की मांग कर रहे हैं. किसानों ने सभी प्रकार की कृषि गतिविधियों पर जीएसटी को वापस लेने और आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों के व्यावसायिक उत्पादन की अनुमति देने का भी आह्वान किया है. 


केंद्र पर बनाया जा रहा दबाव
वे ‘पीएम-किसान’ योजना के तहत दी जाने वाली वित्तीय सहायता को बढ़ाने के लिए भी केंद्र पर दबाव दे रहे हैं. दिसंबर 2018 में शुरू की गई योजना के तहत सभी जोत भूमि वाले किसान परिवारों को तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये की सहायता प्रदान की जाती है. 


जाम करने की दी चेतावनी
रैली में शामिल हुए किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार ने अगर उनकी मांगें नहीं मानी है तो दिल्ली ही नहीं पूरे देश को जाम कर देंगे. रामलीला मैदान में भारतीय किसान संघ की रैली अपने शुरुआती समय पर ही जोश से भर गई. 


50 हजार से अधिक किसानों के जमावड़े का दावा है कि भारतीय किसान संघ अपनी चार मुख्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहा आज की रैली एक चेतावनी है. किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार ने अगर मांगें नहीं मानी तो दिल्ली ही नहीं पूरे देश को जाम कर देंगे.


सरकार मांगों पर करेगी विचार
इस संबंध में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के लिए कई योजनाएं चला रही है. किसान सम्मान निधि भी उनमें से एक है. फिर भी किसानों की तरफ से जो भी प्रस्ताव आएंगे, सरकार उन पर भी विचार करेगी.


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