जानिए कौन थे ग्रुप कैप्टन वरुण, जिसने वायु में दिखाई ताकत और जमीन पर लिख दी शौर्यगाथा
Group Captain Varun Singh: ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह CDS Bipin Rawat के हेलीकॉप्टर क्रैश में अकेले जीवित बचे थे. उनका बेंगलुरु के सेना अस्पताल में इलाज चल रहा था.
नई दिल्ली: ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का बुधवार को इलाज के दौरान निधन हो गया है. बीते हफ्ते में भारतीय वायु सेना का एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस हेलीकॉप्टर में सीडीएस बिपिन रावत, ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह सहित 14 लोग सवार थे. इनमें से 13 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी.
हादसे में वरुण सिंह को गंभीर चोटें आई थीं. उनका लगभग 80 प्रतिशत शरीर हेलीकॉप्टर में लगी आग से झुलस गया था. उन्हें तत्काल वेलिंगटन के सेना अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहां उनकी हालत नाजुक देखते हुए उन्हें बेंगलुरु के सेना अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया था.
देश भर में लोग उनके ठीक होने की कामना कर रहे थे, जिन्दगी से 7 दिनों तक जंग लड़ने के बाद आखिरकार ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह दम तोड़ दिया.
अभिनंदन के बैचमेट थे वरुण सिंह
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह भारतीय वायुसेना के जांबाज पायलट अभिनंदन वर्धमान के बैचमेट थे. अभिनंदन वहीं पायलट हैं, जिन्होंने फरवरी, 2019 में पाकिस्तानी विमानों को भारतीय सीमा से खदेड़ दिया था.
कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह के भतीजे हैं.
शौर्य चक्र से सम्मानित हैं वरुण सिंह
वरुण सिंह का भारतीय सेना से पुराना नाता है. उनके पिता भी आर्मी से रिटायर्ड हैं. वरुण के पिता कृष्ण प्रताप सिंह भारतीय सेना में कर्नल के पड़ से रिटायर्ड हुए थे.
वरुण सिंह शौर्य प्रदर्शन के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित हो चुके हैं. वरुण बीते साल एक तेजस विमान उड़ा रहे थे. उस विमान में उड़ान के दौरान ही कुछ तकनीकी कामी आ गई थी.
उन्होंने अपनी सूझबूझ से उस विमान को एक बड़े हादसे से बचाया था. इसके लिए उन्हें अगस्त में ही शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था.
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