कोलकाताः पश्चिम बंगाल में राज्यपाल जगदीप धनखड़ को एक बार फिर छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा है. मंगलवार सुबह जब वह कोलकाता की जादवपुर यूनिवर्सिटी के कैंपस पहुंचे तो प्रदर्शनकारी छात्रों ने उनके काफिले को रोक लिया. इस दौरान हंगामे की वजह से अफरातफरी का आलम है. गवर्नर का विरोध कर रहे छात्रों ने उन्हें कार से उतरने ही नहीं दिया. मौके पर मौजूद सुरक्षा बलों ने किसी तरह छात्रों को हटाने की कोशिश की.


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आज ही (मंगलवार को) यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह प्रस्तावित था. इस बीच गवर्नर ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कुलपति पर निशाना साधा है.



दूसरी ओर इस मामले के बाद गवर्नर 13 जनवरी को सभी कुलपतियों की एक बैठक बुलाई है. राजभवन में आयोजित इस मीटिंग में सभी कुलपति पहुंचेंगे.


दीक्षांत समारोह रद्द करने पर बढ़ा विवाद
गवर्नर का विरोध कर रहे छात्रों ने हाथों में सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) और एनआरसी के विरोध में तख्तियां लिए नारेबाजी की. वे लगातार गवर्नर गो बैक (राज्यपाल वापस जाओ) के नारे लगाते दिखे. इसके साथ ही प्रदर्शनकारी छात्रों ने उन्हें काले झंडे भी दिखाए. इससे पहले सोमवार को भी राज्यपाल जगदीप धनखड़ से जादवपुर विश्वविद्यालय में छात्रों ने दो बार धक्का-मुक्की करते हुए उन्हें काले झंडे दिखाए थे.



इससे एक दिन पहले ही उन्होंने संभावित गड़बड़ी की आशंका के चलते विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा 24 दिसंबर को होने वाले विशेष दीक्षांत समारोह को रद्द करने के फैसले को अवैध और अमान्य करार दिया था.


ममता बनर्जी पर वार- कानून व्यवस्था चरमराई
इस बीच राज्यपाल धनखड़ ने अपने साथ हुए बर्ताव की कड़ी आलोचना करते हुए सीएम ममता बनर्जी पर इशारों में वार किया. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, एक चांसलर और गवर्नर के रूप में मेरे लिए यह बहुत दर्दनाक समय है. हमारे छात्र कन्वोकेशन में अपनी डिग्री पाने का इंतजार कर रहे हैं.



उनके कठिन परिश्रम का फल. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने सिस्टम को बंधक बना लिया. यूनिवर्सिटी और राज्य प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है. राज्य में पूरी तरीके से कानून व्यवस्था चरमरा गई है. यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि राज्य सरकार ने शिक्षा को अपने कब्जे में ले लिया है. वाइस चांसलर रिमोट कंट्रोल से चलाए जा रहे हैं.


मेरठ जा रहे राहुल-प्रियंका रास्ते में ही रोके गए


वीसी मूक दर्शक बनकर बैठे हुए हैं: राज्यपाल
धनखड़ ने ट्विटर पर लिखा, दर्दनाक हालत है क्योंकि जादवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति अपने दायित्वों के बारे में जान-बूझकर अनजान हैं. वह अपनी अनुपस्थिति का बहाना बना रहे हैं. वह कानून के शासन के पतन वाले कैंपस की अध्यक्षता कर रहे हैं. बर्बादी की स्थिति.  राज्यपाल ने आगे लिखा, मुझे हैरानी है कि वाइस चांसलर निष्क्रिय मुद्रा में मूक दर्शक बनकर बैठे हुए हैं. हमारे सिस्टम के नाकाम होने की इस अप्रत्याशित घटना पर वह चुप्पी साधे हैं. यह काम उन ताकतों की ओर से किया गया है, जिन्हें हमारी शिक्षा व्यवस्था पर कम या लंबे समय तक होने वाले नुकसान का अनुमान नहीं है.