जोशीमठ के बाद हिमाचल प्रदेश में भी घरों में दरारें, तीन गांवों में धंसी जमीन!
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में तीन गांवों में जमीन धंसने और घरों में दरारें आने की रिपोर्ट सामने आ रही है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मंडी जिले की सिराज घाटी में नागानी, थलौट और फागू गांव में 60 से 80 बीघा जमीन धंस रही है. यहां घरों में दरारें आने से लोग दहशत में हैं.
नई दिल्लीः हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में तीन गांवों में जमीन धंसने और घरों में दरारें आने की रिपोर्ट सामने आ रही है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मंडी जिले की सिराज घाटी में नागानी, थलौट और फागू गांव में 60 से 80 बीघा जमीन धंस रही है. यहां घरों में दरारें आने से लोग दहशत में हैं.
फोरलेन प्रोजेक्ट के चलते दरार आने का दावा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय लोगों का कहना है कि साल 2018-19 में कीरतपुर-मनाली हाइवे फोरलेन प्रोजेक्ट शुरू हुआ, 2020 के बाद से घरों में दरारें आने लगी हैं. यहां करीब 32 घर और 3 मंदिर खतरे की जद में हैं. वहीं, कुछ घरों को खाली कर दिया गया है.
मंडी के एडीएम ने भी खतरे की बात स्वीकार की
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मंडी के एडीएम अश्वनी कुमार ने गांवों पर खतरे की बात स्वीकार की है. पहाड़ी काटे जाने के कारण मकानों में दरारें आईं. 10 गांवों का सर्वे किया गया है. दो-तीन घरों में ज्यादा दरारें आई हैं. वैज्ञानिक सर्वे की रिपोर्ट का इंतजार है.
जोशीमठ से 5 किमी दूर सेलंग में भी हालात चिंताजनक
उधर, उत्तराखंड में भूधंसाव प्रभावित जोशीमठ से करीब पांच किलोमीटर दूर स्थित गांव सेलंग में भी जोशीमठ जैसी स्थिति उत्पन्न होने की आशंका मंडरा गई है, क्योंकि पिछले कुछ महीनों से खेतों और कई घरों में दरारें दिखाई दे रही हैं. बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-58) पर स्थित सेलंग के निवासियों ने कहा कि वे डरे हुए हैं और जोशीमठ संकट ने उनके डर को और बढ़ा दिया है.
जलविद्युत परियोजना को जिम्मेदार ठहरा रहे ग्रामीण
ग्रामीण अपनी दुर्दशा के लिए एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजना को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. सेलंग निवासी विजेंद्र लाल ने पीटीआई-भाषा से कहा कि इस परियोजना की सुरंगें गांव के नीचे बनाई गई हैं. उन्होंने दावा किया कि इन सुरंगों में से एक के मुहाने के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित एक होटल जुलाई, 2021 में ढह गया और नजदीक का पेट्रोल पंप भी आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ. लाल ने कहा कि ढह गए होटल के पास स्थित घरों को भी खतरा है.
लगभग 15 घरों में दरारें आने का दावा
उन्होंने दावा किया, ‘गांव के नीचे एनटीपीसी की नौ सुरंगें बनी हैं. सुरंगों के निर्माण में बहुत सारे विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया था जिससे गांव की नींव को नुकसान पहुंचा है.’ लगभग 15 घरों में दरारें आने का दावा करते हुए ग्रामीण ने कहा, ‘गांव की मुख्य बस्ती से 100 मीटर नीचे एक जल निकासी प्रणाली भी बनाई जा रही है, जिससे कुछ मीटर की दूरी पर गांव की ओर दरारें नजर आने लगी हैं.’
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