नई दिल्ली: लोकसभा की बैठक निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बृहस्पतिवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. इस दौरान विपक्षी सदस्य अडानी मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित किए जाने की मांग को लेकर आसन के समीप नारेबाजी कर रहे थे. आज सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्य नारेबाजी करने लगे. उनके हाथों में तख्तियां भी थी जिस पर जेपीसी गठित करने की मांग लिखी हुई थी.


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'सदन की गरिमा को गिराना कतई उचित नहीं है'
लोकसभा अध्यक्ष ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि आपका जिस प्रकार का आचरण है, वह सदन की उच्च परंपरा के अनुरूप नहीं है. उन्होंने कहा, 'इस तरह से सदन की गरिमा को गिराना कतई उचित नहीं है. मैं सदन में चर्चा कराना चाहता हूं, मैंने हमेशा चर्चा के लिए समय दिया है.' बिरला ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि आप सदन में चर्चा नहीं करना चाहते और कार्यवाही को बाधित कर रहे हैं. 
उन्होंने कहा कि इस प्रकार का व्यवहार संसदीय प्रणाली के लिए भी ठीक नहीं है तथा सदन एवं देश के लिए भी अच्छा नहीं है.


संसद के बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को हुई और पहला चरण 13 फरवरी तक चला. सत्र का दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू हुआ. बजट सत्र का दूसरा हिस्सा हालांकि विपक्ष की अडानी समूह से जुड़े मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित किए जाने की मांग और लोकतंत्र को लेकर लंदन में राहुल गांधी द्वारा की गई एक टिप्पणी पर सत्ता पक्ष द्वारा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष से माफी मांगने पर जोर देने के कारण हुए हंगामे की भेंट चढ़ गया. 


काले कपड़े में सांसदों ने जमकर की नारेबाजी
बृहस्पतिवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने पर काले कपड़े पहने कांग्रेस सदस्यों सहित कुछ विपक्षी दलों के सांसद आसन के समीप आकर जेपीसी की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे. इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बजट सत्र के दौरान हुए कामकाज का ब्यौरा प्रस्तुत किया. बिरला ने कहा कि 17वीं लोकसभा के 11वें सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को हुई जिस दिन राष्ट्रपति ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अभिभाषण दिया. इस पर 13 घंटे 44 मिनट तक चर्चा चली, इस चर्चा में 143 सदस्यों ने भाग लिया और प्रधानमंत्री ने इसका जवाब दिया. सभा ने सर्वसम्मति से अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को पारित किया.


उन्होंने बताया कि इस सत्र के दौरान 25 बैठकें हुई जो लगभग 45 घंटे 55 मिनट तक चली. लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि वित्त मंत्री ने एक फरवरी को वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया. सदन में इस पर 14 घंटे और 45 मिनट तक चर्चा हुई और वित्त मंत्री (निर्मला सीतारमण) ने इसका जवाब दिया. उन्होंने बताया कि सदन ने अनुदान की मांगों और संबंधित विनियोग विधेयक को मंजूरी दी. सत्र के दौरान आठ विधेयक पुन: स्थापित किए गए और छह विधेयक पारित हुए.


बिरला ने कहा कि सत्र के दौरान 29 तारंकित प्रश्नों के उत्तर दिये गए और 133 लोक महत्व के विषय उठाये गए तथा नियम 377 के अधीन कुल 436 मामले लिए गए. स्थायी समितियों के 62 प्रतिवेदन प्रस्तुत किये गए. सत्र के दौरान 2799 पत्र सभा पटल पर रखे गए. इस दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कई केंद्रीय मंत्री मौजूद थे.


केसरिया पटका पहनकर सदन में आए थे सांसद
भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस के मद्देनजर पार्टी के सांसद केसरिया पटका पहनकर सदन में आए थे. कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप नारेबाजी करते रहे. कांग्रेस सदस्यों ने काले कपड़े पहने हुए थे. हाल में सूरत की एक अदालत द्वारा राहुल गांधी को मानहानि के एक मामले में सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहराये जाने के विरोध में कांग्रेस सांसद काले कपड़े पहन कर सदन में आ रहे हैं.


लोकसभा अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री, संसदीय कार्य मंत्री, विभिन्न दलों के नेताओं, सदस्यों, मीडिया, लोक सभा सचिवालय के महासचिव और अधिकारियों तथा कर्मचारियों के प्रति आभार प्रकट किया. लोकसभा अध्यक्ष बिरला के वक्तव्य के बाद सदन में राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ की धुन बजाई गई. इसके बाद बिरला ने सदन की बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की. 


राज्यसभा की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
राज्यसभा का 259वां सत्र बृहस्पतिवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया और सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों को लेकर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों के हंगामे के कारण 103 घंटे 30 मिनट का कामकाज बाधित रहा. सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले सभापति जगदीप धनखड़ ने उच्च सदन में विभिन्न मुद्दों पर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के हंगामे के कारण लगातार गतिरोध कायम रहने पर गहरी चिंता जताई.


उन्होंने कहा, 'लोगों के मन में एक वर्ग के रूप में हम तिरस्कार और उपहास का विषय हैं.' उच्च सदन में बजट सत्र के पहले चरण में 56.3 प्रतिशत कामकाज हुआ जबकि दूसरे चरण में यह महज 6.4 प्रतिशत रहा. इस प्रकार सत्र में संयुक्त रूप से महज 24.4 प्रतिशत कामकाज हुआ.


सत्र में करीब 104 घंटे चढ़े हंगामे की भेंट
हंगामे के कारण सदन में 103 घंटे एवं 30 मिनट का व्यवधान रहा. इस पर चिंता व्यक्त करते हुए सभापति ने कहा, 'हमें सदन के निराशाजनक प्रदर्शन पर विचार करना होगा और कोई रास्ता निकालना होगा.' राज्यसभा के 259वें सत्र के अंतिम दिन भी हंगामा जारी रहा और कोई कामकाज नहीं हुआ. यहां तक कि जब सभापति ने राष्ट्रगीत की धुन बजाने का निर्देश दिया, तब भी विपक्ष के कई सदस्य आसन के आगे नारेबाजी कर रहे थे. हालांकि राष्ट्रगीत की धुन बजने के साथ आसन के समक्ष उपस्थित सभी सदस्य सावधान की मुद्रा में खड़े हो गये.


संसद के बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति अभिभाषण से हुई थी. इसके बाद एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश किया. सत्र के पहले चरण में राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई जिसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों सदनों में अलग-अलग जवाब दिया. पहला चरण 13 फरवरी तक चला. बजट सत्र का दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू हुआ. इस दौरान जम्मू कश्मीर के बजट और वित्त विधेयक 2023 को हंगामे के बीच बिना चर्चा के लोकसभा को लौटाया गया. हंगामे के बीच उच्च सदन में प्रतिस्पर्धा संशोधन विधेयक को भी बिना चर्चा के पारित किया गया.


कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर माफी के लिए हंगामा
सत्र के दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लंदन में देश के लोकतंत्र को लेकर उनके बयान पर उनसे माफी की मांग करते हुए हंगामा किया जबकि कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों ने अडानी समूह के बारे में हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति गठित करने को लेकर सरकार पर जोर डालने के मकसद से सदन में विरोध एवं नारेबाजी की.


सूरत की एक अदालत द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी को एक मामले में दो साल की सजा सुनाये जाने के बाद उनकी लोकसभा सदस्यता समाप्त करने के निर्णय के विरोध में कांग्रेस सदस्य कुछ दिनों उच्च सदन में काले वस्त्र पहनकर आये थे.


लोकसभा में 45 घंटे व राज्यसभा में 31 घंटे हुआ काम
एक थिंक टैंक द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार दैनिक व्यवधान और बार-बार स्थगन के कारण संसद के बजट सत्र में निर्धारित समय से बहुत कम कामकाज हो सका. पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च नामक थिंक टैंक के अनुसार, लोकसभा में 133.6 घंटे की निर्धारित अवधि के मुकाबले 45 घंटे से थोड़ा ही अधिक कामकाज हुआ जबकि राज्यसभा में 130 घंटे की निर्धारित अवधि के मुकाबले 31 घंटे से थोड़ा ही अधिक कामकाज हुआ.


पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च ने कहा कि इसका अर्थ है कि लोकसभा में निर्धारित समय के 34.28 प्रतिशत समय में ही कामकाज हुआ वहीं राज्यसभा में 24 प्रतिशत समय में कामकाज हुआ. दोनों सदनों में व्यवधान का असर प्रश्नकाल पर भी पड़ा और पूरे बजट सत्र के दौरान लोकसभा में 4.32 घंटे ही प्रश्नकाल चला जबकि राज्यसभा में यह समय सिर्फ 1.85 घंटा रहा. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बजट सत्र के दौरान हुए कामकाज का ब्यौरा प्रस्तुत करते हुए लोकसभा में कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सदन में 13 घंटे 44 मिनट चर्चा चली जिसमें 143 सदस्यों ने भाग लिया.


लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि बजट पर 14 घंटे और 45 मिनट चर्चा हुई. उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान सदन में आठ विधेयक पेश किए गए और छह विधेयक पारित हुए. बिरला ने कहा कि सत्र के दौरान 29 तारंकित प्रश्नों के उत्तर दिये गए.
(इनपुट- भाषा)


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